गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय ऑनलाइन ट्रेनिंग




नवीन चौहान
स्वयं समिति की तरफ से तीन दिवसीय ऑनलाइन ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। स्वयं समिति के अध्यक्ष एवं अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. पंकज मदान जी ने बताया की इस ट्रेनिंग का उद्देश्य सभी शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को आने वाले समय में ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को पढ़ाने की प्रक्रिया से अवगत कराना तथा स्वयं कोर्सेज को बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस ट्रेनिंग में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं शामिल हुए और उन्होंने गूगल क्लासरूम बनाना, ऑनलाइन मीटिंग करना, स्वयं का व्याख्यान रिकॉर्ड करना और छात्रों से ऑनलाइन माध्यम से सीधा संपर्क करने के गुर सीखे।
ऑनलाइन ट्रेनिंग का उद्घाटन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री जी की अध्यक्षता में हुआ। प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री जी ने कोरोना महामारी के समय में ऑनलाइन टीचिंग और ऑनलाइन एजुकेशन के माध्यम से छात्रों से जुड़ने को एक उपयुक्त माध्यम बताया कि छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय में यह निर्णय किया गया है कि आने वाले कुछ समय तक छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाया और सिखाया जाएगा जिसके लिए सभी शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं का ऑनलाइन माध्यम से पाठ्यक्रम चलाने की प्रकिया से परिचित होना आवश्यक है। इसीलिए यह कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है कार्यशाला के डायरेक्टर प्रोफेसर डीएस मलिक डीन एकेडमिक्स ने ऑनलाइन शिक्षा के माध्यमों के बारे में बताते हुए कहा आज के आधुनिक युग में और इस समस्या से निपटने के लिए क्लास में बुलाकर बढ़ाए जाने को असमर्थ शिक्षकों के लिए ऑनलाइन शिक्षा का माध्यम एक उपयुक्त मार्ग है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला से शिक्षक अपनी क्लास उसी प्रकार ले पाएंगे जैसे वे सभी छात्रों की उपस्थिति में लेते थे। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर एम आर वर्मा जी ने इस तरह की कार्यशालाओं को आयोजित करने पर स्वयं समिति के सभी सदस्यों और प्रो. पंकज मदान, चेयरमैन स्वयं समिति को बधाई दी और सभी शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं का इस कार्यशाला से जुड़ने के लिए आह्वान किया उन्होंने बताया कि समय के अनुसार शिक्षक एवं छात्रों को दूसरे माध्यम से जुड़ने का हुनर सीखना होगा और वर्तमान समय की स्थिति को देखते हुए छात्रों को यहां बुलाया जाना संभव ना होने के कारण ऑनलाइन माध्यम से बढ़ाया जाना ही उचित रहेगा.
स्वयं समिति के चेयरमैन प्रोफेसर पंकज मदान जी ने स्वयं समिति की ओर से की जा रही इस कार्यशाला मैं सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और यह बताया कि इस तरह की कार्यशाला से सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं नई विधाओं को सीख पाएंगे और समय के अनुसार छात्रों से सीधा संपर्क कर पाएंगे। इस कार्यशाला में गूगल क्लासरूम के माध्यम से क्लास जैसा माहौल छात्रों एवं शिक्षकों को मिलेगा, गूगल मीट के माध्यम से शिक्षक सीधा संपर्क छात्रों से कर पाएंगे और छात्रों की समस्याओं का समाधान भी इस प्रकार हो पाएगा। स्वयं कमेटी के सेक्रेटरी डॉ मयंक अग्रवाल ने ऑनलाइन कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुए सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और यह बताया कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय गूगल के माध्यम से बहुत सारी सुविधाएं शिक्षकों को मुहैया कराता है जिनमें गूगल मीट की रिकॉर्डिंग, गूगल क्लासरूम में अनलिमिटेड स्टोरेज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी बताया की सभी छात्रों को गुरुकुल कांगड़ी के गूगल के डोमेन पर ईमेल आईडी उपलब्ध कराई गई है जिससे वह इन सभी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं इसके साथ ही छात्रों को शिक्षकों से विभिन्न माध्यम से जुड़ने का तरीका और इस प्रयास को लेकर सभी आयोजकों को शुभकामनाये दी। प्रथम दिवस के कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर पंकज मदान जी ने लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पर व्याख्यान दिया जिसमें उन्होंने बताया की गूगल क्लासरूम जैसे अन्य ऑनलाइन माध्यम उपलब्ध है जिन पर शिक्षक छात्रों से संपर्क कर सकते हैं और इन सभी माध्यमों को लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के नाम से जाना जाता है। एक लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम में छात्रों को व्याख्यान देना, छात्रों से संवाद करने की सुविधा और उनकी परीक्षा लेने की सुविधा भी उपलब्ध होती है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार स्वयं पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा देने के प्रति सजग है और सभी शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम अपनाने के लिए प्रेरित भी कर रही है। द्वितीय दिवस के कार्यक्रम में गूगल क्लासरूम में क्लासरूम बनाना और सम्बंधित विषय की विषय सामग्री छात्रों को उपलब्ध कराने के बारे में ट्रेनिंग दी गई इस ट्रेनिंग के प्रथम चरण में डॉ सुयश भारद्वाज ने गूगल क्लासरूम किस तरह से बनाया जाए और छात्रों द्वारा किस तरह से गूगल क्लासरूम से जुड़ने का कार्य होगा इस बारे में चर्चा की सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को साथ ही साथ गूगल क्लासरूम बनाना वह उसमें अपना व्याख्यान डालने की डालने का प्रशिक्षण भी दिया गया। द्वितीय चरण में निशांत कुमार ने गूगल क्लासरूम में परीक्षा लेने का माध्यम समझाया और यह भी बताया कि छात्रों को कोई प्रश्न पत्र एक साथ कैसे भेजा जाए और उनके उत्तरों का आंकलन किस प्रकार किया जाए।
तृतीय दिवस के कार्यक्रम में डॉक्टर मयंक अग्रवाल ने गूगल मीट के माध्यम से छात्रों से जुड़ने का तरीका बताया और गूगल मीट में जो सुविधाएं उपलब्ध हैं उनके बारे में सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को अवगत कराया। उन्होंने कैलेंडर के माध्यम से कक्षाओं का आयोजन और समय से पूर्व छात्रों एवं शिक्षकों को सूचित करने के लिए रिमाइंडर लगाना भी बताया। गूगल मीट छात्रों एवं शिक्षकों को आमने सामने बैठे जैसा अनुभव कराता है और छात्रों को अपना प्रश्न सीधा अपने शिक्षक से पूछने का अवसर देता है। गूगल क्लासरूम में गूगल मीट का लिंक किस तरह बनाया जाएगा यह भी डॉक्टर मयंक अग्रवाल ने अपने व्याख्यान में बताया। उसके पश्चात डॉ कृष्ण कुमार जो इस कार्यक्रम के समन्वयक भी हैं उन्होंने गूगल मीट में उपस्थिति दर्ज करने का तरीका बताया और उसकी ट्रेनिंग सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को दी साथ ही साथ उन्होंने गूगल के अन्य उत्पादों के बारे में भी जानकारी दी और सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं से यह अनुरोध किया कि वह इन सभी उत्पादों का प्रयोग करके छात्रों को उचित जानकारी उपलब्ध कराएं। कार्यक्रम के अंतिम चरण में कुमारी दीक्षा ने ओपन ब्रॉडकास्ट सॉफ्टवेयर के बारे में सभी शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को अवगत कराया और अपना व्याख्यान रिकॉर्ड करने का तरीका भी सबको बताया। ऑनलाइन ट्रेनिंग के अंतिम दिन सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्रशिक्षक और कार्यक्रम के आयोजक उपस्थित थे। इस विशेष सत्र में आयोजकों ने सभी शिक्षकों से अपनी समस्या और परेशानी साझा करने के लिए कहा जिसमें कुछ शिक्षकों ने अपने प्रश्न पूछे और उनके उचित उत्तर प्रशिक्षकों द्वारा दिए गए। इनमें मुख्यतः प्रोफेसर श्रवण कुमार शर्मा जी, अध्यक्ष आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, प्रोफेसर आर डी कौशिक जी, अध्यक्ष रसायन विभाग, प्रोफेसर विवेक कुमार जी, अध्यक्ष कंप्यूटर विज्ञान विभाग, प्रोफेसर ब्रह्म देव जी ने अपने प्रश्न पूछे और उनकी समस्या का प्रशिक्षकों द्वारा आयोजकों द्वारा उचित समाधान किया गया। विश्वविद्यालय के लगभग सभी वरिष्ठ प्रोफेसर इस कार्यक्रम से जुड़े और आयोजकों का उत्साहवर्धन भी किया। अंतिम दिन विनोद नौटियाल, कपिल गोयल अन्य प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और इस ऑनलाइन ट्रेनिंग में उन्होंने जो सीखा वह सभी प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया इस कार्यक्रम में प्रतिदिन 150 से 200 शिक्षक एवं शिक्षिकाएं जुड़ी और अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हुआ और अंत में डॉ मयंक अग्रवाल ने सभी आयोजकों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान दे रहे प्रशिक्षक का भी विशेष धन्यवाद किया।



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