उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार में दो नए केबिनेट मंत्री




नवीन चौहान
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में जल्द दो विधायकों को केबिनेट में शामिल करने की तैयारी है। केबिनेट मंत्री बनाने से पूर्व भाजपा कोर कमेटी की बैठक में विचार विमर्श का दौर जारी है। कई नामों पर मंथन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशं​क, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत,संगठन मंत्री राजू भंडारी व तमाम संगठन पदाधिकारियों की बैठक में केबिनेट मंत्री बनाने के लिए विधायकों के नामों पर चर्चा की गई। हालांकि इस दौरान सभी समीकरणों को ध्यान में रखा जा रहा है। दो विधायकों के केबिनेट मंत्री बनाने के बाद भाजपा के अन्य विधायकों की नाराजगी का भी ध्यान रखा जा रहा है।
उत्तराखंड में साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता पर काबिज हुई थी। जिसके बाद प्रदेश के मुखिया की कुर्सी पर त्रिवेंद्र सिंह रावत की ताजपोशी हुई। करीब तीन साल पूरे होने के बाद भी त्रिवेंद्र सरकार में दो केबिनेट मंत्री के पद रिक्त चले आ रहे है। कई बार अटकले लगाई गई कि इस बार मंत्री पदों को भरा ​जायेगा। तीन साल बीतने के बाद भी केबिनेट मंत्री के पद खाली रहे। दोनों मंत्री पदों को लेकर कई विधायकों की नजरे रही। लेकिन सभी विधायकों को निराशा हाथ लगी। लेकिन इस बार भाजपा सरकार दो विधायकों को मंत्री बनाकर ​महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपने का मन बना चुकी है। जिसको लेकर विचार विमर्श का दौर जारी है। देखना होगा कि किस विधायक का सितारा बुलंदी पर है। जो मंत्री बनकर राज्य के विकास में अपना योगदान कर सकेंगे। भाजपा सूत्रों ने बताया कि त्रिवेंद्र सरकार केबिनेट का विस्तार करने की तैयारी कर रही है। इसी के लिए बैठक की गई है। जल्द ही दो मंत्री पदों को भरा जायेगा।हालांकि इस खबर की आधिकारिक पुष्टि किसी ने नही की है। लेकिन संभावना है कि जल्द ही त्रिवेंद्र सरकार केबिनेट का विस्तार करेंगी और रिक्त चले आ रहे मंत्री पदों को भरेगी।
वैसे बताते चले कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीन सालों में राज्य हित में कई प्रभावशाली कदम उठाए है। उनकी जीरों टालरेंस की मुहिम भी काफी हद तक सफल रही। प्रदेश में ट्रांसवर पोस्टिंग की दलाली का खेल पूरी तरह बंद हो गया। सभी जनपदों में ईमानदार अफसरों को जिले की कमान दी गई। कोरोना संक्रमण काल में भी त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने प्रदेश की जनता का हित सर्वोपरि रखा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीन साल का कार्यकाल प्रदेशहित के लिए बेहतर ही माना जायेगा। जहां अनाप—शनाप खर्चो पर काफी हद तक अंकुश लगा है।



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