मित्र पुलिस ने भीख मांगने वाले नौनिहालों के हाथों में थमाई कॉपी पेंसिल




नवीन चौहान
उत्तराखंड मित्र पुलिस के एक अनूठे कार्यो की जिनती सराहना की जाए उतनी कम है। मित्र पुलिस ने भीख मांगने वाले नौनिहालों के हाथों में कॉपी पेंसिल थमा दी है। शिक्षा के ज्ञान से वंचित ये तमाम बच्चे अक्षरज्ञान ले रहे है। पुलिसकर्मी इन बच्चों को पढ़ा रहे है। इन तमाम बच्चों को भारतीय संस्कारों और संस्कृति की अनुभूति कराई जा रही है। ​जिनके चलते इन गरीब बच्चों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। फिलहाल इन बच्चो का एडमिशन स्कूलों में कराने की कवायद की जा रही है।
उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट भिक्षा नहीं शिक्षा के तहत आप्रेशन मुक्ति हरिद्वार में जोर—शोर से चलाया जा रहा है। आप्रेशन मुक्ति की नोडल अधिकारी एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ इस आप्रेशन को सफल बनाने की कवायद में जुटी है। आप्रेशन मुक्ति की टीम को दिशा निर्देश दे रही है। वही इस आप्रेशन मुक्ति की टीम का नेतृत्व कर रहे दूसरे अहम पदाधिकारी सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह पूरी संजीदगी के साथ इस मिशन को पूरी तरह से सफल बनाने में जुटे है। विगत दो माह के अंतिम सप्ताह में चल रहे इस मिशन में कई बच्चों को जीवन की नई राह दिखलाने का मार्ग प्रशस्त होता नजर आ रहा है। आप्रेशन मुक्ति की टीम ने विगत दो महीने में अथक प्रयासों के बाद कई गरीब को शिक्षा के मंदिर अर्थात स्कूलों में प्रवेश कराया है। आप्रेशन मुक्ति की टीम ने 63 बच्चों का एडमिशन ऋषि बाल विद्वालय निर्धन निकेतन खड़खड़ी हरिद्वार में कराया गया है। जबकि कलियर क्षेत्र से 16 बच्चों को स्कूल भेजा गया है। कलियर क्षेत्र के ही 61 बच्चों का टिबड़ी और ऋषिकुल क्षेत्र से 17 बच्चों का व रोड़ीबेलवाला क्षेत्र से 57 बच्चों का दाखिला विभिन्न स्कूलों में कराया गया है। आप्रेशन मुक्ति की टीम ने वर्तमान में 198 बच्चों के जीवन में नया प्रकाश का दीप प्रज्जवलित किया है।
आप्रेशन मुक्ति की टीम
आप्रेशन मुक्ति के अभियान को सफल बनाने की मुहिम में निरीक्षक पीसी मठपाल, उप निरीक्षक भवानी शंकर पंत,उप निरीक्षक नंद किशोर ग्बाड़ी,महिला हेड कांस्टेबल हेमलता पांडेय, कांस्टेबल राकेश कुमार, सत्येंद्र कुमार, रजनीश, मुकेश,महिला कांस्टेबल रचना डोभाल,प्रतिभा, आराधना ने कड़ी मेहनत की। पुलिस की इस टीम का साथ हरिद्वार के कई समाजसेवी संस्थाओं ने किया। कुल मिलाकर कहा जाए तो पुलिस का यह अभियान सफल रहा है।



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