योगेश शर्मा.
अदालत ने 12 साल की अबोध बालिका के साथ यौन उत्पीड़न करने वाले अभियुक्त को दोषी करार देते हुए उसे 20 साल कैद व 70 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि में से 50 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं। मामले में दो अन्य नामजद किशोरों की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में चल रही है।
बरोदा थाना क्षेत्र के गांव निवासी व्यक्ति ने 7 मई 2020 को पुलिस को बताया था कि 28 अप्रैल 2020 को वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ खेत में गया था। घर पर उसकी 12 साल की बेटी अकेली थी। जब वह घर पहुंचे तो उसकी बेटी काफी सहमी हुई थी। उसने उससे बातचीत की तो उसने कुछ जानकारी नहीं दी। बाद में 6 मई 2020 को जब उसकी बेटी की तबीयत में कुछ सुधार हुआ तो उन्होंने उससे बातचीत की थी।
बेटी की बात सुनकर वह स्तब्ध रह गए थे। उसकी बेटी ने बताया कि वीरेंद्र व दो अन्य उनके घर में घुस आए थे। उन्होंने उसके साथ जबरदस्ती छेड़खानी की थी। उसके शोर मचाने पर आरोपी भाग गए थे। वह किसी को मामले के बारे में बताने पर उसे व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर गए थे।
जिसके डर के चलते वह चुप रही थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी वीरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही दो अन्य नाबालिग को काबू किया गया था। उनका मामला जुवेनाइल कोर्ट में चला गया।
मामले की सुनवाई करते हुए एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने वीरेंद्र को दोषी करार दिया है। अदालत ने वीरेंद्र को 4 पॉक्सो एक्ट में 20 साल की कैद व 50 हजार रुपये जुर्माना, भादंसं की धारा 452 में पांच साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना तथा भादंसं 506 में दो साल की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
सभी सजा एक साथ चलेंगी। जुर्माना राशि में से 50 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं। जुर्माना न देने पर 16 माह कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी।