नवीन चौहान.
गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर के 115 वें वार्षिक महोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर आचार्य कर्मवीर कार्यक्रम में शामिल हुए। उनका भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम में आचार्य विश्वपाल जयंत, स्वामी यज्ञमुनि, आचार्य हरिगोपाल शास्त्री सहित आर्य समाज के पुरोधा अपने उदबोधन से सुशोभित कर रहे हैं।
कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए मुख्यधिष्ठाता सोम चौहान, अभिषेक चौहान, हेमंत तिवारी व अन्य सहयोगियों का विशेष योगदान रहा।
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद महाराज ने कहा कि भारतवर्ष की प्राचीन शिक्षा परम्परा को अपने में संजोए यह गुरुकुल की पवित्र भूमि 115 वर्ष के इतिहास की भी साक्षी है। इस भूमि पर प्रधानमंत्री नेहरू, राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सहित कई विभूतियाँ पधारी। राष्ट्रकवि दिनकर इस महाविद्यालय के कुलपति रहे।
डॉ प्रकाशवीर शास्त्री सांसद और डॉ कपिलदेव द्विवेदी व्याकरणविद इस गुरुकुल के छात्र रहे। आचार्य नरदेव शास्त्री वेदतीर्थ जैसे शिक्षक इस महाविद्यालय में रहे। कहा कि मैं भी इस गुरुकुल की गोद में खेलकर बड़ा हुआ। एक कृतज्ञ छात्र के रूप में मैं इस गुरुकुल के प्राचीन गौरव को पुनः लौटाने के लिए कृत संकल्प हूँ।