एडवोकेट अरूण भदौरिया ने गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल को भेजा कानूनी नोटिस, पूर्व सीएम के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का आरोप




नवीन चौहान.
हरिद्वार के वरिष्ठ अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल को कानूनी नोटिस भेजा है। जिसमें कहा गया है कि मंदिर समिति अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ झूठी और भडकाऊ बयानबाजी की है, जिससे उन्हें और उत्तराखंड के लोगों को मानसिक आघात पहुंचा है।
अधिवक्ता द्वारा दिये गए नोटिस में कहा गया है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा चार साल तक प्रदेश सरकार चलायी। इस दौरान उन्होंने जनता से कोई झूठा वायदा नहीं किया। हमेशा सभी को साथ लेकर चलने की नीति अपनायी। घोषणाओं और कार्यों को वह स्वयं कराने में विश्वास रखते थे। उनके कार्यकाल में सभी कार्य निष्पक्षता के साथ किये गए। विकास कार्यों को गति प्रदान की गई। परिवार हित में कोई कार्य नहीं किया। वो कम बोलते थे और अधिक कार्य करते थे। उनका कार्यकाल बेदाग और भ्रष्टाचार से मुक्त रहा। इनके राज में कानून व्यवस्था भी मजबूत रही। माफिया लॉबी में बौखलाहट रही। त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ समस्त प्रदेश और मेरी भावनाएं जुड़ी हैं।
अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने नोटिस में लिखा कि राजनैतिक वैचारिक विविधता के बावजूद गंगोत्री विधायक स्व. गोपाल सिंह रावत ने आपको पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करायी ताकि देव संस्थानम बोर्ड पर हक हकूक धारी अपना पक्ष रख सके। इसके बावजूद आपने एक झूठा वीडियो वायरल किया हुआ है।
अधिवक्ता का कहना है कि यह वीडियो उन्होंने अपने आवास पर सुना व पढ़ा जिसमें आपने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बारे में शिक्षा ग्रहा ना करने के बारे में बताया और ज्ञान की कमी होना और साथ ही पूर्ण रूप से झूठा बताया व देव स्थान बनाने को एबीसीडी का ज्ञान तक न होना बताया, साथ ही विधर्मी बताया व यह भी बताया कि कहने को बीजेपी में है लेकिन ये मुसलमानों का प्लांट किया हुआ है। इस्लाम धर्म द्वारा प्लांट होना बताया व पुुतला फूंकने के बाबत मौजूद लोगों को आपने भड़काऊ बयान देकर आपने अपराध करने के लिए जिम्मेदाराना पद पर रहते हुए उकसाया, जिस कारण हमारी भावनाओं को आपने आघात पहुंचाया, जिसकी बात आप पूर्ण रूप से ​जिम्मेदार हैं।
नोटिस में कहा गया है कि इस नोटिस के तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण करें क्यों ना आपके विरूद झूठे तथ्यों के आधार पर झूठी वीडियो वायरल करने के संबंध में मेरे सहित समस्त उत्तराखंड वासियों को पहुंचे मानसिक आघात की बाबत आपके विरूद समक्ष न्यायालय में सक्षम कार्यवाही संबंधित धारा में क्यों ना कर दी जाये।



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