आखिर बार-बार बदल रहे अखाड़ा परिषद के सुर, पहले सराहना अब असंतुष्टि, सत्ता का मान मनौव्वल शुरू, पढ़िए खबर





जोगेंद्र मावी
कुंभ-2021 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए चल रहे मेला प्रशासन की तैयारियों की जहां पहले अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी सराहना कर रहे थे, लेकिन अब अचानक से उनके सुर बदल गए हैं। उन्होंने कुंभ कार्यों में अव्यवस्था होने और अखाड़ों की छावनी न बनाने, अखाड़ों को घाट आवंटित न किए जाने पर मेला के कार्यों के प्रति असंतुष्टि जता दी है। परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के बदले सुर से मेला प्रशासन के साथ सत्ता में हलचल मच गई है।
कुंभ-2021 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए राज्य सरकार और मेला प्रशासन पूरी तैयारियों में लगा हुआ है। लेकिन कोविड-19 के फैलने की आशंका के चलते हुए कुंभ को सीमित करने की बात कही जा रही थी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के साथ अन्य अखाड़ों की मांग थी कि सभी 13 अखाड़ों के लिए ईष्टदेवों की पूजा के लिए 13 गंगा घाट और मैदान आवंटित करने की थी। राज्य सरकार ने सभी 13 अखाड़ों के सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्यों के लिए एक-एक करोड़ रूपये जारी कर काम शुरू करा दिए। साथ ही प्रमुख सतों की सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी भी नियुक्त कर दिए गए। अखाड़ों में सौंदर्यीकरण के कार्य भी सुचारू है। करीब 50 प्रतिशत धनराशि अखाड़ों में लगा दी गई है। इन सभी व्यवस्थाओं को लेकर अखाड़ों के पदाधिकारी खुश थे। लेकिन अब अचानक से अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के सुर अचानक से बदल गए हैं। उन्होंने कुंभ में अखाड़ों के लिए गंगा घाट और मैदान आवंटित न किए जाने पर आक्रोश जता दिया है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने यहां तक कह दिया कि कुंभ मेले के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। राज्य सरकार यह भी स्पष्ट नहीं कर रही कि कुंभ पर्व होगा या नहीं। हालांकि मदन कौशिक का कहना था कि अखाड़ों के लिए छावनी बनाने के नियम में कोई बाध्यता नहीं हैं, वे जहां चाहे छावनी का निर्माण शुरू करा सकते हैं।
सुर बदलते ही सत्ता पहुंच गई परिषद के दरबार
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के सुर बदलते ही राज्य सरकार में हड़कंप मच गया है। उनकी नाराजगी सामने आते ही सरकार के प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक उनके पास पहुंच गए। मदन कौशिक ने श्रीमहंत के सामने पूरी व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से बताया। लेकिन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष गंगा घाट और छावनी बनाने के लिए मैदान उपलब्ध न कराने से खपा रहे।
मेला प्रशासन ने राज्य सरकार के पाले में डाल दी गेंद
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने जैसे ही मेला प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए तो मेलाधिकारी दीपक रावत ने अपना पल्ला झाड़ दिया। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार की ओर से मिल रहे निर्देशों के अनुसार काम करवा रहे हैं। मेला प्रशासन की असमर्थता सामने आते ही अखाड़ा परिषद में आक्रोश फैल गया।
बोले अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि कुंभ-2021 में कोरोना जैसी बीमारी चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार माघ मेले के लिए बड़ी व्यवस्था करवा रही है। हरिद्वार में कुंभ मेले के नाम पर केवल धरातल पर कोई तैयारी नहीं हो रही है। न ही उन्हें घाट आवंटित हुए और न ही छावनी बनाने के लिए जमीन आवंटित की गई। अब समय शेष न होने से संतों में आक्रोश है। वे रविवार को यानि आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलने देहरादून जा रहे हैं। यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो फिर प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे।

kumbh-2021


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