2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य: डीएम स्वाति एस भदौरिया




सोनी चौहान
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सभी रेखीय विभागों एवं जिले के कृषकों के साथ माइक्रोप्लान पर विस्तार से चर्चा की। डीएम ने ​कहा कि 2022 तक सभी किसानो की आय को ​दोगुना करने का लक्ष्य बनाया हुआ है। उन्होंने ने 2022 तक सभी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषकों को सरकार की योजनाओं की महत्वपूर्ण जानकारियां दी और कृषकों के सुझाव भी लिए।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है और इसके लिए रेखीय विभागों के माध्यम से माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि माइक्रोप्लान के तहत किसानों को फसल उत्पादन में आने वाली बधाओं को दूर करके उत्पादन को बढाने और उत्पादों के उचित विपणन की व्यवस्थाएं की जाएंगी। कृषकों को उनके उत्पाद का अच्छा मूल्य मिल सके। कृषकों को नगदी फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करते किया गया।


जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि हमें पशुपालन, मत्स्य पालन, दुग्ध उत्पादन सहित मशरूम उत्पादन जैसी नगदी फसलों पर भी ध्यान देना होगा। वही उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से फसल को बचाए जाने के लिए वन विभाग व मनरेगा के माध्यम से कार्ययोजना बनाई जा सकती है। इसके अलावा उन्होंने जानकारी दी कि जंगली सुअरों को मारने की अनुमति दी जा रही है और वन विभाग के माध्यम से भी कई स्थानों पर बंदरों को पकडा जा रहा है। परंतु स्थायी उपचार के लिए जंगली जानवरों को अपने खेतों से भगाने के लिए ग्राम स्तर पर भी कुछ व्यवस्था बनाने पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की ओर से भी जानवरों को भगाने के लिए स्पेशल डिवाईश लगाकर कृषकों को हर संभव मदद दी जाएगी।
मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने कृषकों को भांग की खेती के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हैम्प एशोसिएशन आफ इडिया के माध्यम से नशा रहित भांग के बीज तैयार किए गए है। इस भांग के रेशे से जहाॅ कपडे तैयार किए जा रहे है वही इसकी पत्तियों से कई बेस कीमती दवाईयां बनाई जा रही है और भांग की खेती को जंगली जानवर भी कोई नुकसान नही पहुॅचाते। उन्होंने ने कहा कि गांवों में जो किसान खेती नही कर रहे है उनके खेतों को लीज पर ले कर पाइलेट बेस पर इसकी खेती की शुरूआत हो चुकी है और कोई भी किसान इसको अपना कर अच्छी आय अर्जित कर सकते है।


जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक एमएस सजवाण ने कहा कि एमएसएमई के तहत पशुपालन, मशरूम की खेती, मधुमख्खी पालन, मत्स्य पालन, मिल्क प्रोडेक्ट, हैडीक्राफ्ट, ऊन उत्पादन आदि छोटी-छोटी ईकाईयों की स्थापना के लिए आसान शर्तो पर सब्सिडी सहित ऋण उपलब्ध किया जाता है। किसान खेती के साथ-साथ छोटी-छोटी यूनिट स्थापित कर अच्छी आय अर्जित कर दोहरा लाभ कमा सकते है।
मुख्य कृषि अधिकारी रामकुमार दोहरे तथा अपर जिला कृषि अधिकारी जीतेन्द्र भाष्कर ने कृषि विभाग द्वारा रेखीय विभागों के सहयोग से तैयार किए गए माइक्रोप्लान के संबध में कृषकों को विस्तार से जानकारी दी। कृषकों को कृषि, पशुपालन, मत्स्य, रेशम, डेयरी, उद्यान, उद्योग, जड़ी बूटी उत्पादन आदि के संबध में जानकारी देते हुए कृषकों के महत्वपूर्ण सुझावा लिए गए और उन पर गहनता से चर्चा भी की गई।
इस दौरान एपीडी सुमन बिष्ट, जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, सहायक निदेशक रेशम अनिल कुमार थापा, एलडीएम जीएस रावत आदि सहित सभी विकासखण्डों के कृषक मौजूद थे।



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