उत्तराखंड औषधि महासंघ ने 30 मई को प्रदेश की सभी कैमिस्ट शॉप बंद रखने का ऐलान किया है। विभिन्न मांगों को लेकर अखिल भारतीय औषधि महासंघ ने पूरे देश में बंद का एेलान किया, जिसके बाद उत्तराखंड महासंघ ने भी बंद का एलान किया है। दून औषधि महासंघ के अध्यक्ष टीएस अग्रवाल बताते हैं कि होलसेल लाइसेंस के लिए फार्मासिस्ट की अनिवार्यता गलत निर्णय है। उन्होंने कहा कि दवा तैयार करने और पैकिंग का काम अनुभवी और प्रशिक्षित लोगों की देखरेख में किया जाता है। बताया कि देश में ब्रांडेड जेनेरिक दवा का निर्माण किया जा रहा है। इसकी गुणवत्ता में अंतर होता है और एमआरपी भी ज्यादा दर्ज होती है। कहा कि दवा की खरीद और बिक्री का रेकार्ड पोर्टल पर अपडेट करने के लिए अलग से कर्मचारी रखने पड़ेंगे।