श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया स्वामी विश्वेश्रानंद महाराज का आनन्दोत्सव




हरिद्वार। भगवान ब्रह्मा के पुत्र राजा दक्ष की नगरी कनखल की सबसे प्राचीन संतों की संस्था सूरत गिरि बंगला गिरिशानंद आश्रम के एकादश पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज का 63 वां आनन्दोत्सव शुक्रवार को आश्रम में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। आनन्दोत्सव की शुरूआत गुरु पूजन व देव पूजन के साथ हुई। इसके पश्चात ब्राह्मणों ने रूद्राभिषेक सम्पन्न कराया। इस अवसर पर उम्र के 63 वर्ष पूर्ण होने पर 63 पौधों का रोपण आश्रम परिसर में किया गया।
आनन्दोत्सव के अवसर पर भजन संध्या का भी आयोजन किया गया। जिसमें काशी के सुप्रसिद्ध भजन गायक हरेराम द्विवेदी व अमलेश शुक्ल ने भजनों की गंगा बहाकर गुरु महिमा का बखान किया।

इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज ने अपने व अपने परिजनों के जन्मोत्सव पर पेड़ लगाने का संकल्प दिलवाया। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण समस्या किसी एक देश की नहीं वरन् अखिल विश्व की समस्या है। जिस प्रकार से वन सम्पदा समाप्त होती जा रही है वह एक गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए स्वस्थ वातावरण का सृजन कर उन्हें देना हमारा नैतिक दायित्व है। यदि पर्यावरण है तो हम हैं। पर्यावरण के अभाव में मानव जीवन के सुरक्षित रहने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने सभी से पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाने व प्लास्टिक का उपयोग ने करने की सलाह दी। कहा कि पौधारोपण के साथ हमें भारत की सांस्कृतिक धरोहर व सनातन धर्मावल्मबियों की मां कही जाने वाली गंगा को भी बचाना होगा। कहा कि गंगा कोई साधारण नदी नहीं वरन्  भारत का प्राण है। जो जल रूप में देश के कई भागों में बहती हुई देश की रक्त धमनियों के रूप में जीवन प्रदान कर रही है।

इस अवसर पर गुरु जी तुम्हरी महिमा अपरम्पार आदि भजनों के द्वारा ज्ञान व प्रेम की गंगा को भजन गायकों ने प्रवाहित किया। इस अवसर पर भक्तों ने गुरु पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर कोठारी सदानंद महाराज, स्वामी कमलानंद गिरि, कपिल पुरी, अशोक पुरी, सोमानंद, विद्यानंद, धर्मपाल,ओलम्बे पाटिल, संतोश अग्रवाल, जीवन, संतोष, संजय समेत अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *