अंकिता रावत
बीकानेर मिष्ठान भंडार के पांचवे आउटलेट का आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी ने फीता काट का शुभारंभ किया। इस दौरान राजस्थानी संस्कृति की पगड़ी पहनाई गई और राजस्थानी संगीत की धुन सुनाई दी। बीकानेर की स्पेशल देशी घी से बनी मिठाई और भुजियां खिलाई गई।
हरिद्वार में बीकानेर मिष्ठान भंडार अपनी गुणवत्ता के चलते अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। यहां देशी घी से बनी मिठाईयां और बीकानेरी नमकीन ग्राहकों को दुकान की ओर से आकर्षित करती रही है।
करीब दो दशक पहले हरिद्वार के पुराने रानीपुर मोड़ पर पहला आउटलेट शुरू हुआ। इसके बाद शिवालिक नगर और रानीपुर मोड़ पर ही एक अन्य बीकानेर मिष्ठान भंडार का शुभारंभ किया। हरिद्वार के चारों छोर पर बीकानेरी मिठाईयों का जायका फैलने लगा। बताते चले कि बीकानेर की मिठाईयों ने सदियों से पहचान बनाई हुई हैं. यहां की स्पेशल देशी घी की मिठाई और भूजिया के आम ही नहीं खास लोग भी मुरीद हैं। वैसे तो शहर की हर गली में हलवाई की दुकान हैं, जो अपनी अलग-अलग मिठाइयों व उनके स्वाद के लिए मशहूर हैं. लेकिन, बीकानेर मिष्ठान भंडार और उसके संचालक तग सिंह का प्यार ग्राहकों को दुकान पर ले ही आता है।
जगजीतपुर बूढ़ी माता मंदिर से चंद कदमों की दूरी पर शुभारंभ हुए नए बीकानेर मिष्ठान भंडार पर ग्राहकों की भीड़ पहुंचनी शुरू हो गई है। तग सिंह ने बताया कि अच्छी और स्वादिष्ट मिठाई का स्वाद ग्राहक कभी नही भूलते। इसीलिए हम क्वालिटी से समझौता नही करते। हमारे यहां विभिन्न प्रकार के पकवान बनते है। रस मलाई, गुलाब जामुन और विभिन्न प्रकार की मिठाईयों के अलावा राजस्थान की तमाम मिठाईयां यहां बनती है। राजस्थान की मिठाई पुरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसी स्वाद को हरिद्वार में हम देने का प्रयास कर रहे है। विदित हो कि हरिद्वार में बीकानेर मिष्ठान भंडार की कचोरी, समासे, गोल गप्पे और टिक्की का स्वाद भी लाजबाब है। यहां की मिठाईयों का स्वाद मुंह और स्वास्थ्य दोनों के लिए ही जायकेदार है।