जानिए सीएम ने क्यों कहा शिक्षक एक सम्मानित पद इसकी गरिमा बनाए रखनी चाहिए




देहरादून. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश के प्राथमिक, जूनियर एवं माध्यमिक शिक्षक संघों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि शिक्षक एक सम्मानित पद हैं। इसकी गरिमा बनाए रखी जानी चाहिए। इनको अन्य कर्मचारियों के समान ट्रीट नहीं किया जाना चाहिए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षक संघ की विभिन्न समस्याओं को ध्यान से सुना एवं अधिकतर समस्याओं का तत्काल निवारण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए के विद्यालयों की कोटिकरण की विसंगतियों को 3 माह के भीतर दूर कर लिया जाए। बेसिक से LT में समायोजित शिक्षकों को बेसिक की सेवा का लाभ, चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान जोड़े जाने हेतु 5 सितंबर तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए एवं सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन कर लिए जाएं। प्रारंभिक शिक्षा में क्रीडा प्रतियोगिता हेतु धनराशि 25 लाख से बढ़ाकर 50 लाख कर दी जाए। बीआरसी एवं सीआरसी को भी नियमावली के अनुसार कोटिकरण हेतु सम्मिलित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने निर्देश दिए कि 2005 में कोटद्वार विधानसभा में उप चुनाव की आचार संहिता के कारण नियुक्ति ना ले पाने वाले शिक्षको को पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि चयन वेतनमान एवं प्रोन्नत वेतनमान के लिए गढ़वाल मंडल एवं कुमाऊं मंडल में जो असमानताएं हैं, उन्हें तत्काल दूर किया जाए। अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षा चयन बोर्ड बनाने की कार्रवाई तत्काल शुरू की जाए। अशासकीय विद्यालयों में सामान्य भविष्य निधि की विसंगतियों को दूर कर जनपद स्तर पर निस्तारण हेतु सरलीकरण कर लिया जाए। उन्होेने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए जिन विकल्पधारी शिक्षकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हो गया है उनको कार्यमुक्त कर दिया जाए।
बैठक में सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, सचिव शिक्षा चन्द्रशेखर भट्ट, महानिदेशक शिक्षा  आलोक शेखर तिवारी सहित विभागीय अधिकारी एवं राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।



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