नवीन चौहान
कोरोना वायरस के इफेक्ट बाजार, औद्योगिक, रियल सेक्टर के साथ आमजन पर पड़ा है। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि हरिद्वार में बिजली की खपत 41 प्रतिशत कम हो गई है। औद्योगिक क्षेत्रों के साथ प्रतिष्ठानों में या घरों में भी बिजली यूनिट का खर्चा कम हो गया है।
कोरोना संक्रमण को बचाने के लिए देश में 23 मार्च को लॉकडाउन लगा दिया गया। इससे औद्योगिक यूनिट के गेट हो या अन्य व्यवसाय सभी के गेट बंद हो गए। ट्रेनों के साथ अन्य यातायात बंद हो गए। कंपनियों या अन्य संस्थानों पर काम करने वाले कर्मचारी भी अपने प्रदेश लौट गए। इससे हरिद्वार में घर भी खाली हो गए। कुछ समय बाद जरूरतमंद सामानों की यूनिट संचालित हो गई। अब पिछले तीन महीने से सबकुछ सामान्य करने की प्रक्रिया निरंतर सुचारू रही। हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्रों के साथ होटल, रेस्टोरेंट के साथ सभी की गति फिर से सामान्य हो गई है। बाजार में भी सभी तरह की दुकानें खुल रही हैं। लेकिन बिजली विभाग की रिपोर्ट चौकाने वाली आई है। हरिद्वार क्षेत्र में बिजली की खपत बेहद कम हुई है। लॉकडाउन से लेकर अब तक की जो यूनिट खर्च हुई उससे साफ हो गया है कि कोरोना इफेक्ट चलते हुए 41 प्रतिशत बिजली कम खर्च हुई है। जिसमें होटलों के साथ घरों के भी कम बिल आ रहे हैं। जिन घरों में कई कई कमरे थे और किराये पर थे, वह खाली पड़े हैं। लोग बचत के लिए भी घरों एवं प्रतिष्ठानों में बिजली का भी कम उपयोग कर रहे हैं। बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता वीएस पंवार ने बताया कि हरिद्वार में 41 मिलीयन यूनिट खपत कम हुई है। यह आंकड़ा 19—20 की तुलना में सामने आया है।
अब त्यौहारों से उम्मीद
धनतेरस के बाद दीपावली एवं अन्य त्यौहारों पर बाजारों में रौनक लौट आई है। दुकानदारों ने सामानों से दुकानों को भरा हुआ है। उम्मीद है कि पिछले 8 महीने की मंदी के बादल छट जाएंगे।