नवीन चौहान
उत्तराखंड में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या बढ़ने से खतरे की घंटी बजने लगी है। ऋषिकेश में स्वास्थकर्मी और देहरादून की गर्भवती महिला के कोरोना संक्रमण पॉजीटिव मिलने के बाद से हड़कंप की स्थिति है। ऋषिकेश में स्वास्थ्यकर्मी के घर के आसपास के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन के चेहरे पर चिंता की लकीरे साफ दिखाई देने लगी है। अगर मरीजों की संख्या में इजाफा होने का सिलसिला बढ़ा तो आने वाले दिन मुश्किल भरे होने की संभावना भी प्रबल हो गई है।
उत्तराखंड की बात करें तो यहां अभी तक 50 मरीजों में कोरोना संक्रमण पॉजीटिव पाया गया है। जिसमें से करीब दो दर्जन से अधिक मरीज संक्रमण से ठीक हो चुके है। मरीजों के ठीक होने से सरकार राहत महसूस कर रही थी। लेकिन रविवार को दो मरीजों में कोरोना पॉजीटिव के लक्षण मिलने के बाद से राज्य सरकार को चिंता में डाल दिया है। सरकार कोरोना अस्पताल को तैयार करने में जुटी है। हरिद्वार,देहरादून, उधमसिंह नगर में जिला प्रशासन कोरोना अस्पताल बनाने की जददोजहद में जुटा है। वही लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराकर जनता को संक्रमण से बचाने के प्रयास किए जा रहे है। कुल मिलाकर कहा जाए तो जिला प्रशासन कई मोर्चो पर कार्य कर रहा है। एक तरफ तो जनता को संक्रमण से बचाने की चुनौती है। वही दूसरी ओर संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने की है। इन सबके बीच सरकार व जिला प्रशासन के सामने तमाम संसाधनों को पूरा करने के लिए जनता से सामाजिक व आर्थिक सहयोग की भी जरूरत है। जनता के सहयोग के बिना इस महामारी से निबटना मुश्किल ही नही नामुमकिन है। फिलहाल उत्तराखंड में खतरे की घंटी बज चुकी है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। बस ये ही एक उपाय है। सामाजिक दूरी ही आपके जीवन की रक्षा करेंगी।