नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी सी रविशंकर पूरी तन्मयता के साथ कार्य कर रहे है। जिलाधिकारी ने अपनी पूरी ताकत हरिद्वार के सरकारी स्कूलों को सर्वोत्तम बनाने में झोंक दी है। वह जनपद की शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा को सर्वश्रेष्ठ बनाने की कवायद में जुट गए है।
जिलाधिकारी सी रविशंकर हरिद्वार जनपद के सर्वागीण विकास के लिए अपनी पूरी ऊर्जा लगा रहे है। कोरोना संक्रमण काल में कुंभ महापर्व के सकुशल आयोजन की तैयारियों के साथ जनपद की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे है। सरकारी धन का सदुपयोग करते हुए सीएसआर की मद से खर्च होने वाले धन का सीधा लाभ हरिद्वार की जनता देने का भरसक प्रयास कर रहे है।
इसी क्रम में कलेक्ट्रेट सभागार में गवर्मेंट स्कूल एडोप्शन प्रोग्राम के सम्बंध में जिलाधिकारी सी रविशंकर ने सीएसआर सहभागियों के साथ बैठक की। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने सभी औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विजन की जानकारी दी। इण्डस्ट्रीज के प्रतिनिधियों के सुझाव को ध्यान से सुना गया।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि इण्डस्ट्रीज सीएसआर मद से जिले में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में योगदान राज्य सरकार का सहयोग करती रही है। लेकिन जीसेप का मकसद औद्योगिक इकाई की स्वेच्छा से अपने सीएसआर लक्ष्य के अनुसार स्कूलों की संख्या का चयन कर स्वतंत्र रूप् से स्कूल को माॅर्डन स्कूल के रूप् में परिर्वतन करना है। जितने भी स्कूलों को कम्पनी गोद लेगी उस कम्पनी को पूरा अधिकार होगा कि वह उसमें बिना किसी सरकारी विभाग को धनराशि हस्तांतरित किण् एक स्तरीय और एकरूप संसाधनों को स्थापित कर सके। जिसमें सरकारी मद और अन्य कम्पनी के सहयोग से कार्यो में डुप्लीकेसी न हो सके। इन कार्यो के मेंटिनेंस एवं देखरेख की अवधि भी एग्रीमेंट के तहत कम्पनी के साथ तय की जायेगी।
शिक्षा विभाग और इण्डस्ट्रीज मिलकर ऐसे विद्यालयों और विद्यालयों की आवश्यकता वाले एप्प को तैयार करेगा। जिस पर सभी सीएसआर सम्बंधित सभी जानकारी आनलादन मिल सकेंगी। विद्यालयों में 22 बिन्दुओं पर कार्य करना होगा यह 22 बिन्दु प्रत्येक स्कूल में पूर्ण करने होंगे। इण्डस्ट्रीज स्कूलों की संख्या सीएसआर क्षमता के आधार पर तय कर सकते हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि हम सब मिलकर बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य का वातावरण निर्मित करते हैं तो आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य दिया जा सकता है। सीएसआर और सरकारी मद से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगाये जाना वाला धन व्यर्थ न हो इसके लिए कार्यो में डुप्लिकेसी न हो ध्यान रखा जाये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार, मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज, सिडकुल इंस्ड्रटीज एसोसियेशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग सहित अनेक तमाम औद्योगिक कंपनियों के प्रतिनिधि और शिक्षा विभाग से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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सरकारी स्कूल तीन माह के लिए गोद
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि सरकारी स्कूलों को मार्डल स्कूल बनाने की कवायद है। औद्योगिक कंपनी तीन वर्ष के लिए सरकारी स्कूल को गोद लेगी। निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूल में तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी।
भ्रष्टाचार पर अंकुश
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि इस योजना के बाद से भ्रष्टाचार होने की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जायेगी। सीएसआर मद का पूरा सदुप्रयोग होगा। 939 स्कूलों को कंपनियों के सहयोग से सर्वश्रेष्ठ स्कूल बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। कंपनी के साथ शिक्षा विभाग का एमओयू भी साइन किया जायेगा। 45 स्कूल तैयार हो चुके है। 22 बिंदुओं पर कार्य किया जाना है।
शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि सभी स्कूलों की सुरक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस किया गया है। स्कूल में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध होंगे। वही शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सिलेबस से अलग कुछ तैयारी की गई है।