इस दीवाली बन रहे आठ शुभ योग, दशकों बाद बना ये संयोग




नवीन चौहान.
दीप पर्व का त्योहार पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर दीवाली का त्योहार मनाने का विधान होता है। दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का काफी महत्व होता है। लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा माना जाता है।

ज्योतिषाचार्यो के अनुसार इस दिवाली पर अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगी। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक दिवाली की शाम के समय जब लक्ष्मी पूजा होगी उसी दौरान 5 राजयोग का निर्माण भी होगा। इसके अलावा आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेगा।

इस तरह से दिवाली 8 शुभ योगों में मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यो का मनाना है कि दीपावली पर इस तरह का शुभ योग कई दशकों के बाद बना है। ऐसे में इस शुभ योग में दिवाली सभी के लिए सुख-समृद्धि और मंगलकामना साबित होगी।

बाजारों में धनतेरस में जमकर खरीदारी हुई। करोड़ों रूपये व्यापार हुए। बाजारों में धनतेरस पर खूब रौनक रही। अब छोटी दिवाली और बड़ी दीवाली की तैयारी है। बाजार में आज भी जमकर खरीदारी हो रही है। आज छोटी दीवाली की पूजा होगी और कल यानि बड़ी दीवाली को लक्ष्मी गणेश पूजन के साथ दीवाली का त्योहार मनाया जाएगा।

हालांकि इस बार एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की पाबंदी के कारण इस बार धूमधमाका नहीं हो सकेगा। लोगों को ईको फ्रेंडली दीवाली ही मनानी होगी। इस त्यौहार को यादगार बनाने के लिए लोगों ने दीपोत्सव को धूमधाम के साथ मनाने का निर्णय लिया है। घरों को जहां बिजली की रंगीन रोशनी से सजाया गया है वहीं शाम को मिटटी के दीपक जलाने की भी पूरी तैयारी है।



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