नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा गंगा माता आई हा्स्पिटल-राजकुमार गोपाल




नवीन चौहान

गंगामाता नेत्र चिकित्सालय के चेयरमैन राजकुमार गोपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 27 वर्षो से नेत्रों का अत्याधुनिक उपचार अस्पताल के माध्यम से दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सप्ताह में निःशुल्क कैंप लगाए जाते हैं। मरीजों को आपरेशन के पश्चात आवास, भोजन तथा घर छोड़ने तक की व्यवस्था को लागू कराया जाता है। गरीब निर्धन परिवारों के आंखों के आपरेशन में कम से कम शुल्क लिया जाता है। रोजमर्रा ओपीडी में आखों व दंत रोगियों की जांच की जाती है। साढ़े तीन सौ से चार सौ मरीजों की जांच अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक निःशुल्क कैंप लगाए जाने की मुहिम को तेजी के साथ लागू कराया जाएगा। इलाज में किसी भी प्रकार का कोई समझौता स्वीकार नहीं है। मोतियाबिंद, आंखों का तिरछापन, काला मोतिया आदि का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। एक साथ अस्पताल में कई सुविधाएं मरीजों को मिल जाती हैं। राजकुमार गोयल ने कहा कि उत्तराखण्ड का विख्यिात अस्पताल गंगा मामा नेत्र चिकित्सालय सेवा कार्यो से ही अपनी प्रसिद्धि को बढ़ा रहा है। रोगियों को निःशुल्क चश्मे भी प्रदान किए जाते हैं। निःशुल्क कैंपों में दो सौ से ढाई सौ मरीज आते हैं। पचास से साठ मरीजों को निःशुल्क आपरेशन व दवा की व्यवस्था को भी लागू किया जाता है। अस्पताल में वर्ष भर में दस हजार मरीजों की जांच व चिकित्सा की जाती है। डा.जगमोहन गोयल व देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि बच्चों में अधिकांश आंखों में तिरछेपन की शिकायतें बढ़ रही हैं। मोबाईल का अत्यधिक प्रयोग किया जाना बच्चों के लिए नुकसानदेह सिद्ध हो रहा है। छोटी उम्र में ही बच्चों को कम दिखाई देने जैसी शिकायतें भी आ रही हैं। जिसको लेकर रेनबो कार्यक्रम के तहत जनजागरूकता अभियान चलाए जांएगे। अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए साठ बेड, पांच सदस्यीय चिकित्सीय दल की व्यवस्था को लागू कराया गया है। नेत्रों की जांच अत्याधुनिक मशीनों से करायी जाती है। सचिव सुरेश गोयल ने कहा कि आंखो की उचित देखभाल की जानी चाहिए। आंखों में आए रोग की समय पर जांच अवश्य करा लेनी चाहिए। काला मोतिया को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां बनी रहती हैं। ऐसे में जागरूकता ही कारगर उपाय है। रेटिना की सर्जरी अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनों से चिकित्सकों द्वारा की जाती हैं। पार्षद अनिरूद्ध भाटी, पार्षद विनीत जौली ने अस्पताल की सराहना करते हुए कहा कि बुजुर्गो की सेवा में यह अस्पताल सराहनीय भूमिका निभा रहा है। सेवा भाव से ही अस्पताल की पहचान बनती है। पूरे उत्तराखण्ड से रोगी अपनी आंखो का उपचार कराने के लिए गंगा माता अस्पताल में पहुंचते हैं। अस्तपाल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क कैंप लगाना प्रशंसनीय है।



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