नवीन चौहान
गरीबों की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य धर्म है। सेवा के इस पुनीत कार्य को करने में हरिद्वार के समाजसेवी डॉ विशाल गर्ग सदैव तत्पर रहते हैं। गरीबों की सेवा करने के लिए वह किसी भी वक्त उठकर चल देते हैं। ऐसा एक श्रेष्ठ कार्य डॉ विशाल गर्ग ने मंगलवार की सुबह किया। मानसिक बीमारी से जूझ रही एक गरीब महिला को दवाई देने अस्पताल पहुंच गए। महिला को अपने हाथों से फल खिलाएं और मानसिक बीमारी से उबरने के लिए प्रेरित किया। उनको दवाई दी और परिवार के लिए भोजन सामग्री प्रदान की। डॉ विशाल गर्ग ने पीड़ित परिवार की हरसंभव आर्थिक मदद तथा मरीज के भाई को रोजगार दिलाने का भरोसा दिया। जिसके बाद से पीड़ित परिवार के चेहरे पर खुशियां भर आई। अस्पताल के बेड पर पड़ी राखी काफी अर्से के बाद मुस्कराई।
मूल रूप से मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी विजय कुमार अग्रवाल पेशे से टैक्सटाइल इंजीनियर है। वह कई दशकों से ज्वालापुर पीठ बाजार में एक छोटे से किराए के घर में रहते हैं। कोरोना संक्रमण काल में विजय अग्रवाल की नौकरी चली गई। जिसके बाद वह बेरोजगार हो गए तथा परिवार के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। विजय की दो बहने हैं। एक बहन राखी अग्रवाल को उसके पति ने छोड़ दिया। राखी अपने 13 साल के बच्चे को लेकर भाई के घर आ गई। जिसके बाद इस परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया। एमए, बीएड तक की शिक्षा अर्जित कर चुकी राखी अग्रवाल मानसिक बीमारी से घिर गई। पति की जुदाई ने राखी की मनोदशा खराब कर दी। जिसके बाद विजय ने अपनी बहन राखी को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया। लेकिन बहन के दिमागी टेस्ट कराने और दवाई के लिए पैंसों की दिक्कत आन खड़ी हुई। विजय अग्रवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगाई। जब इस बात की जानकारी हरिद्वार के प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ विशाल गर्ग को लगी तो उनकी इंसानियत जाग उठी। उन्होंने विजय का मैसेज पढ़ते ही तत्काल जिला चिकित्सालय पहुंच गए। डॉ विशाल गर्ग ने राखी से बात की और उनकी मनोदशा को समझने की कोशिश की। मानसिक बीमारी से संघर्ष कर रही राखी अपने को मजबूत करने का प्रयास करती दिखाई। कई दिनों से भूखी राखी ने डॉ विशाल गर्ग ने सेब खाने और सैंडविच खाने की इच्छा जाहिर की। डॉ विशाल गर्ग ने राखी के लिए फल और खाने की तमाम वस्तुएं भेंट की। डॉ विशाल गर्ग राखी से बात करते रहे और उनकी मनोदशा को मजबूत करते रहे। राखी ने ठीक होने के बाद नौकरी करने की अपने मन की बात भी बताई और बेटे को पढ़ाने की इच्छा जाहिर की। डॉ विशाल गर्ग की मानवता राखी की मदद करने को प्रेरित करती दिखाई दी। वह राखी के हालातों को समझने की कोशिश करते रहे और उनकी तमाम समस्याओं को दूर करने की कवायद में विचार करने लगे। डॉ विशाल गर्ग से मिलने के बाद राखी के चेहरे पर मुस्कराहट थी और जिंदगी जीने की चाहत दिखी। डॉ विशाल गर्ग को भी आत्मिक खुशी महसूस हुई। करीब एक घंटे तक जिला अस्पताल में मौजूद रहकर डॉ विशाल गर्ग ने पीड़िता राखी के दर्द को महसूस किया।
इसी दौरान राखी के भाई विजय अग्रवाल उसके बेटे को लेकर अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने राखी की दवाई का पर्चा दिखाया और राखी के जीवन में उतार चढ़ाव के बारे में बताया। डॉ विशाल गर्ग ने तभी राखी के लिए दवाईयां मंगाई और घर के लिए तमाम जरूरी राशन सामग्री का प्रबंध किया। विजय ने बताया कि हमारे समाज में अच्छे लोगों की कोई कमी नहीं है। लेकिन डॉ विशाल गर्ग भगवान बनकर उनके सामने आए हैं। उन्होंने भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा कि डॉ विशाल गर्ग दीघायु हो और इसी तरह गरीबों की मदद करते रहे। जिला अस्पताल में कवरेज करने गए न्यूज127 ने इस पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद किया। धरती पर जन्मे किसी भी मनुष्य में मानवीय गुण ही उसको वास्तविकता में इंसान कहलाने का हक दिलाते है। डॉ विशाल गर्ग के व्यक्तित्व में जिस तरह के मानवीय गुण है सचमुच में उनको एक श्रेष्ठ नागरिक का दर्जा दिलाते है। गरीब, पीड़ितों और असहाय लोगों की मदद करने में जो खुशी डॉ विशाल गर्ग को महसूस होती है। वह वास्तव में अदभुत है।