गुरुपूर्णिमा पर्वोत्सव का ध्यान साधना से हुआ शुभारंभ




हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित तीन दिवसीय गुरुपूर्णिमा पर्वोत्सव का शुभारंभ ध्यान साधना से हुआ। शिक्षा क्रांति के अंतर्गत भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा प्रकोष्ठ के नेतृत्व में आयोजित कविता पाठ के अवसर पर हरिद्वार जनपद के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने गुरु की महिमा का गान किया। कविता पाठ के अवसर पर सिमरन, अवंतिका कर्णवाल, सुदीक्षा, ट्यूलिप आदि बच्चों ने गुरु की महिमा को याद करते हुए मानव जीवन में गुरु की महत्ता पर कविता का पाठ किया। कवि श्री राजकुमार वैष्णव ने सद्गुरु को भवसागर से पार करने वाला बताया। कविता पाठ में गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज, डीपीएस, बीएमएल ग्रीन स्कूल रोशनाबाद, नवोदय विद्यालय, राजकीय इंटर कॉलेज भेल सहित दस विद्यालयों के उन्नीस विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। कविता पाठ में गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज के प्रखर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, तो वहीं गायत्री विद्यापीठ के तनुजा को द्वितीय एवं डीपीएस हरिद्वार की मोनिका रावल को तृतीय स्थान मिला। इसके साथ बीएमएल ग्रीन स्कूल रोशनाबाद के अभिमन्यु वाणी, डीपीएस के ज्योति अग्रवाल, जवाहर नवोदय विद्यालय के महिमा चौधरी को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सायं सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। आहुति पण्ड्या के नेतृत्व में गायत्री विद्यापीठ की नौनिहालों ने समूह नृत्य प्रस्तुत किया। विद्यापीठ के छात्र राहुल यादव व छात्रा देविका ने चक्रासन, मयुरासन, झण्डासान, राजकपोटासन, पूर्णशलभासन, कंदपीड़नासन, कोकिलासन आदि कठिनतम आसनों का प्रदर्शन किया। शांतिकुंज कार्यकर्त्ताओं ने दहेज प्रथा, मृतक भोज, बलि प्रथा जैसे अनेक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु उपायों का मंचन किया। जिसे उपस्थित जन समुदाय ने तालियों की गड़गडाहट से अपनी भावनाएँ व्यक्त की। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन गोपाल शर्मा ने किया। इससे पूर्व शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता डॉ. ओपी शर्मा ने कहा कि ‘है अभेद सद्गुरु और भगवान में’ विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।



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