ईमानदार एसएसपी के नाम रहा साल 2017, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। साल 2017 एक ईमानदार एसएसपी कृष्ण कुमार वीके की निष्पक्ष कार्यशैली और कर्तव्यनिष्ठा के लिये याद किया जायेगा। इस साल अपराधों का ग्राफ बढ़ा तो मुकदमों की संख्या में भी इजाफा हुआ। खाकी के दागदार चेहरों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा तो पीड़ितों को इंसाफ भी मिला। कुख्यात अपराधियों पर नकेल कसी गई तो अपराधियों से संबंध रखने के आरोप में कई को जेल की हवा खानी पड़ी। कुल मिलाकर कहा जाये कि कर्तव्यनिष्ठा की कसौटी पर हरिद्वार के एसएसपी पूरी तरह से खरे उतरे हैं।
साल 2017 के फरवरी माह में हरिद्वार जनपद वासियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी बतौर एसएसपी आईपीएस अफसर कृष्ण कुमार वीके को मिली। कृष्ण कुमार वीके ने एसएसपी हरिद्वार का पद ग्रहण करते ही निष्पक्ष तरीके से विधानसभा चुनावों को निर्विघ्न संपन्न कराया। जिसके बाद भाजपा की सरकार बनीं। आमतौर पर नई सरकार के गठन के बाद प्रदेश सरकार सबसे पहले कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये प्रदेशों के जनपदों में डीएम और एसएसपी के तबादले करती है। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुखिया की कुर्सी संभालने के बाद ईमानदार आईपीएस अफसर कृष्ण कुमार वीके को हरिद्वार के एसएसपी के पद पर बनाये रखा। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने भी सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के भरोसे को बरकरार रखा और प्रदेश में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य शुरू किये। उन्होंने भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर शिकंजा कसा। पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमें तक दर्ज किये गये। वहीं जनपद में बढ़ रहे अपराधियों पर शिकंजा कसा गया। कुख्यात अपराधी सुनील राठी गैंग पर कार्रवाई की गई। राठी से संबंध रखने वाले आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली की गिरफ्तारी को संभव कराया। साल के अंतिम दिनों में भी उनके निशाने पर कई सफेदपोश हैं। जिन लोगों का ताल्लुक अपराधी तत्वों से है। इस सबके बीच सफेदपोशों की ओर से कई बार सीएम दरबार में एसएसपी के तबादले की अटकलों के प्रयास किये गये। लेकिन सीएम ने हर बार एसएसपी के कार्य पर मोहर लगाई। अपराधी तत्वों पर कार्रवाई करने के लिये एसएसपी के हाथ खुले रखे। यही कारण है कि एसएसपी कृष्ण कुमार वीके पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ फर्ज को अंजाम दे रहे हैं।
अपराध बढ़ने का प्रमुख कारण बेरोजगारी
साल 2017 में नोटबंदी और प्रॉपर्टी के कारोबार की मंदी के चलते अपराधों के ग्राफ में बढोत्तरी हुई। खनन बंदी का असर भी अपराध के रूप में सामने आया। बेरोजगारी से जूझ रहे कई लोगों ने अपराध की राह पकड़ ली। इससे एक नई चुनौती पुलिस के सामने आ गई है। पुलिस अपराध को कम करने की दिशा में फेल होती दिखाई पड़ती है। इसका प्रमुख कारण नौजवान युवकों की बेरोजगारी है। सरकार को बेरोजगार युवकों के रोजगार की दिशा में कारगर कदम उठाने होंगे अन्यथा अपराध का ग्राफ इसी तरह तेजी से बढ़ता जायेगा।



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