नवीन चौहान
हरिद्वार। उत्तराखण्ड की पांचों सीटों पर नामांकन में दो दिन का समय शेष है। 25 मार्च को नामांकन की आखिरी तारीख है। बावजूद इसके कांग्रेस अपने प्रत्याशियों का ऐलान तक नहीं कर पाई है। फिलहाल तक हरिद्वार सीट से कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की दावेदारी पुख्ता मानी जा रही थी, किन्तु नैनीताल सीट से भगत सिंह कोश्यारी द्वारा दावेदारी छोड़ने और अजय भट्ट को प्रत्याशी बनाए जाने पर हरदा ने नैनीताल सीट से चुनावी ताल ठोक दी है। हालांकि नैनीताल सीट पर हरदा की राह में इंदिरा हददेश रोढ़ा बनी हुई है। इंदिरा हदयेश किसी सूरत में नही चाहती कि हरीश रावत की राजनीति का केंद्र बिंदु नैनीताल हो। वहीं हरिद्वार सीट से कांग्रेस की ओर से पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी और पूर्व राज्यमंत्री संजय पालीवाल ने अपनी दावेदारी पेश की हुई है। जबकि कांग्रेस से मनोज जैन शुक्रवार को नामांकन पत्र खरीद चुके हैं। ऐसे में यदि इन दोनों में से किसी का भी टिकट पक्का हो जाता है तो कोई भी भाजपा प्रत्याशी का सामना करने में सक्षम नहीं हैं। हरिद्वार क्षेत्र में तो सतपाल ब्रह्मचारी और संजय पालीवाल को जनसमर्थन मिल सकता है, किन्तु हरिद्वार संसदीय सीट में देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में इनके नाम से जनता परिचित नही है। जहां इनका कोई बड़ा जनाधार नहीं है। वहीं हरिद्वार सीट पर बड़ी संख्या में पर्वतीय मतदाता हैं जिसका सीधा लाभ भाजपा प्रत्याशी निशंक को मिलेगा। हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में भी निशंक की खासी मजबूत पकड़ है। हरिद्वार में ऐसा कोई चेहरा कांग्रेस के पास नहीं है तो भाजपा को यहां से टक्कर दे सके। इस कारण टिकट को लेकर कांग्र्रसियों के बीच ही सिर फुटव्वल हो रही है। कांग्रेस भले की एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरने का दावा कर रही हो, मगर भीतरघात कांग्रेस में खुलकर नजर आने लगी है। मनोज जैन द्वारा शुक्रवार को पर्चा खरीद लेने से कांग्र्रेस की कलह सतह पर आ गई है। वहीं यदि सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट मिल जाता है तो दूसरा ब्रह्मचारी जड़ों में मट्ठा देने का काम करेगा। जैसा की पहले भी चुनावों में होता आया है। देखना यह दिलचस्प होगा की कांग्रेस किसे टिकट देती है। उसके बाद कांग्रेस की एकजुटता का सही पता चल पाएगा।