युवा आईएएस अंशुल सिंह को देखकर बालिकाओं के मन में आई ये बात





नवीन चौहान
जिम्मेदार प्रशासनिक अफसर ही एक समाज में कानून व्यवस्था को सुदृढ करने में महती भूमिका अदा करता है। समाज को भय मुक्त वातावरण प्रदान करता है। बालिकाओं को सुरक्षा का भाव जाग्रत करता है। अगर बालिकाओं की बात हो तो उनको निडर बनाकर समाज में उनकी योग्यता और उपयोगिता का बोध कराता है। बालिकाओं की प्रतिभा को निखारने में अग्रणी भूमिका अदा करता है। बालिकाओं में सुरक्षा के भाव का ऐसा ही नजारा राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला। जहां कक्षाओं में पढ़ाई कर रही बालिकाओं ने अपने बीच में युवा आईएएस अफसर को देखा तो उनके चेहरे खिल उठे। बालिकाओं के दिल में आईएएस अफसर बनने के सपने जगे। स्कूल की शिक्षिकाओं और स्टॉफ से अलग भी सिस्टम का एक पूरा ​तंत्र उनकी हिफाजत करता है। जो उनकी व्यवस्थाओं को पूर्ण करने और उनके लिए शिक्षा का एक सुंदर वातावरण तैयार करता है। जिसकी मानीटरिंग सरकार करती है।
उत्तरी हरिद्वार के राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में रोजाना की तरह ही पढ़ाई चल रही थी। कोरोना संक्रमण काल के बीच एक साल बाद स्कूल खुला तो बच्चों में भी खुशी है। आन लाइन पढ़ाई से हटकर कक्षा में दोस्तों के बीच बैठकर पढ़ने का मजा ही कुछ ओर है।

शिक्षा के इसी आनंद में सराबोर बालिकाएं कक्षा में पढ़ाई में जुटी थी। अचानक स्कूल में आईएएस अफसर अंशुल सिंह पहुंचते है। धीमे—धीमे कदमों से कक्षा में प्रवेश करते है। ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो पाए। कक्षा छह के कुछ बच्चे बिना ड्रेस के मिले। जबकि अधिकतम बच्चे स्कूल की ड्रेस में ही अध्ययनरत दिखे। एसडीएम अंशुल सिंह ने बालिकाओं से उनकी शिक्षा और व्यवस्था के संबंध में कुछ सवाल किए। शिक्षिकाओं के आचरण और पढ़ाई के तरीके के संबंध में जानकारी की। बालिकाओं के चेहरे पर मुस्कराहट दिखी। बालिकाओं ने आत्मविश्वास के साथ जबाब दिया। ​आईएएस अंशुल सिंह तो स्कूल में निरीक्षण की औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद स्कूल की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने का खाका मन में बनाकर चले गए। लेकिन स्कूल की बालिकाओं के मन में खुद को आईएएस अफसर बनने का सपना दिखा गए। एक बालिका ने बताया कि वह भी आईएएस बनना चाहती है और खूब पढ़ना चाहती है। जी हां भारत के सरकारी स्कूल में प्रशासनिक अफसरों के निरीक्षण और उनके अनुभव प्राइमरी और माध्यमिक शिक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।



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