मुख्यमंत्री धामी के प्रति युवाओं में बढ़ा विश्वास, घोटालेबाजों का हुआ पर्दाफाश





नवीन चौहान
उत्तराखण्ड में UKSSSC की परीक्षा भर्ती में भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखण्ड STF ने एक के बाद एक सिलसिलेवार तरीक़े से जाँच करते हुए क़रीब 33 आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे भेज है। अधीनस्थ चयन आयोग के सचिव को निलम्बित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस निर्णय के बाद जहां एक ओर प्रदेश में पैसों के बदले नौकरी दिलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री धामी का क़द और बढ़ा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े रुख़ से जनता के बीच सरकार के प्रति विश्वास की भावना कायम रही है। पुष्कर सिंह धामी के इस साहसिक निर्णय से यह स्पष्ट संदेश गया है कि पैसों के बदले नौकरी दिलाने वाले नैक़्सेस का सफ़ाया किया सकता है। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि दोषियों को चिन्हित कर उनकी अवैध संपत्ति को ज़ब्त करने के साथ गैंगस्टर एक्ट में कार्यवाही की जाए।

जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी हुए है उन्हें निरस्त कर नए सिरे से आयोजित किया जाए और जो परीक्षाएं साफ सुथरे ढंग से गतिमान हैं उन्हें सुचारू रुप से समय पर संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री ने दागी व्यक्तियों की नियुक्ति निरस्त कर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने एसटीएफ को फ्री हैंड दिया है। उसी का नतीजा है कि प्रदेश में भर्ती माफिया पर शिकंजा कसा है। उधर सीएम ने दरोगा भर्ती की विजिलेंस जांच के निर्देश भी दे दिये हैं। अब प्रदेश के युवाओं में आस जगी है।



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