डीएवी स्कूल की जाबांज नम्रता हार गई जिंदगी की जंग, नम आंखों से पति ने दी मुखाग्नि





नवीन चौहान
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल की जाबांज शिक्षिका नम्रता मौत से मुकाबला करते हुए अपनी जिंदगी की जंग हार गई। पिता के आशीर्वाद के बिना जिंदगी की तमाम कठिन परीक्षाओं को पास किया और अपनी काबलियत से मुकाम हासिल किया। अपने व्यवहार और प्रतिभा से बल पर डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल की एक विद्धान शिक्षिका होने का गौरव हासिल किया। इसी जांबाज शिक्षिका ने मौत से मुकाबला करते हुए दम तोड़ दिया। डीएवी परिवार ने अपनी सहकर्मी शिक्षिका नम्रता सैनी को नम आंखों से अंतिम विदाई। नम्रता के अंतिम दर्शन करने के लिए डीएवी परिवार के सभी सदस्य पहुंचे। जहां वयोबद्ध मां गीता सैनी को एकलौती बेटी नम्रता के आकस्मिक निधन होने पर धैर्य रखने का निवेदन किया। जिसके बाद कनखल श्मशान घाट पर उनके पति नवनीत बलौदी ने चिता को मुखाग्नि दी। नम्रता का नश्वर शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। नम्रता की अचानक हुई आ​कस्मिक मृत्यु से सभी हस्तप्रभ दिखाई दिए। ​शिक्षक—शिक्षिकाओं को अपने आप पर यकीन नही हो पा रहा था कि नम्रता अब उनके बीच नही है। नम्रता अपने पीछे एक वुजुर्ग मां और पति को रोता बिलखता छोड़ गई। साथ ही छोड़ गई अपनी बहुत सारी यादें और चुलबुली हंसी। जो कठिन परिस्थिति में कार्य करने के दौरान भी माहौल को खुशनुमा बना देती थी।
सैनिक पिता स्वर्गीय रविंद्र कुमार सैनी और मां गीता सैनी की एकलौती बेटी नम्रता बचपन से ही होनहार थी। बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने के साथ ही खेलकूद और तमाम सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़चढ़ हिस्सा लेती थी। नम्रता की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर से हुई। वैदिक आचार—विचार और संस्कारों का उनके हृदय पर अमिट प्रभाव पड़ा। जिसने नम्रता को एक बहादुर और संघर्षशील महिला बनाया। गणित विषय पर मजबूत पकड़ होने के चलते बीएससी, एमएससी और बीएड करने के बाद डीएवी स्कूल में ही शिक्षण कार्य का अवसर नम्रता सैनी को मिला।


डीएवी प्रबंधकृ​त समिति नई दिल्ली की ओर
से नम्रता सैनी को स्थायी नियुक्ति दी गई। तत्कालीन प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी के कुशल मार्गदर्शन में नम्रता की बहुमुखी प्रतिभा में निखार आया। स्कूल के किसी भी कार्य को मनोभाव से करने की लगन से नम्रता को सभी का दुलारा बना दिया। स्टूडेंस के बीच नम्रता एक लोकप्रिय शिक्षिका स्थापित हो चुकी थी। स्कूल के तमाम सांस्कृतिक, खेलकूद कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका में नम्रता अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती रही।
नम्रता एक मेहनती, उत्साही होने
के साथ ही अब डीएवी स्कूल का एक मजबूत स्तंभ बन चुकी थी। उनकी काब​लियत का उपयोग स्कूल को अग्रणी श्रेणी में शुमार कराने लगा था। डीएवी संस्था के प्रति उनके दिल में एक विशेष सम्मान और समर्पण आंखों में झलकता रहा।
टीचर कुसम बाला त्यागी ने नम्रता सैनी के बारे में बताया कि जब मैंने स्कूल ज्वाइन किया तो नम्रता कक्षा पांच की स्टूडेंटस थी। कक्षा पांच से लेकर 9वीं तक मैं ही क्लास टीचर रही। नम्रता की मम्मी पीटीएम में आती थी। वह पढ़ाई में बहुत तेज थी। कक्षा में सबसे आगे रहती। मॉनीटर बनकर अनुशासन प्रिय थी। नम्रता एक मिलनसार व्यवहार, हंसमुख विनोद प्रिय प्रवृत्ति की थी। किसी बच्चे के साथ कोई झगड़ा नही किया। सभी को अपना मानती थी। जिंदगी में हमेशा संघर्ष किया। हमारी स्टूडेंस होने के साथ साथी शिक्षिका भी बनी। कोई समस्या होती थी तो पूछ लेती थी। हमसे मार्गदर्शन लेती थी। अपनी जिंदगी के कठिन संघर्ष के दौर से प्रेरणा लेती थी। लेकिन निराशा का भाव कभी चेहरे पर नही दिखाई दिया। वह कभी हिम्मत नही हारती थी। नम्रता किसी भी कार्य को बहुत अच्छे तरीके से पूरा करती थी। बच्चे उसकी पढाई से खुश रहते थे। जिंदा दिल थी। खूबियां का नम्रता में भंडार था। उसमें आगे बढने की ललक थी।
शिक्षिका अर्चना शिवपुरी ने कहा कि हम कभी उसे भूल नही पायेंगे। वह ​हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी। वह एक अच्छी स्टूडेंस और मल्टीटेलेंटड टीचर थी। भगवान उसकी आत्मा को शांति प्रदान करें और अपने श्रीचरणों में स्थान दे।
डीएवी के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने भी अपने नम्रता सैनी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। नम्रता को श्रद्धासुमन अर्पित करने देहरादून से हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने कहा कि डीएवी ने एक होनहार टीचर और मैंने अपनी एक बेटी को खोया है। नम्रता एक लगनशील टीचर रही। किसी भी कार्य को पूरी ईमानदारी और मनोभाव से करने का स्वभाव उसकी विशेषता थी। मां गंगा उसकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज ​कपिल ने कहा कि नम्रता का निधन अपूरणीय क्षति है। वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी। किसी भी कठिन कार्य को सरलता से करने का हुनर था। डीएवी परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
नम्रता का एक परिचय
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल की शि
क्षिका नम्रता सैनी। पिता रविंद्र कुमार सैनी और माता गीता सैनी की एकलौती पुत्री। 22 अगस्त सन 1984 को जन्म हुआ। पांचवी कक्षा में डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल की छात्रा। डीएवी से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। गणित से एमएससी और बीएड की डिग्री हासिल की। साल 2008 में 2 जुलाई के दिन नम्रता को डीएवी स्कूल में बतौर शिक्षिका नियुक्ति मिली। अप्रैल 2022 में नम्रता सैनी का विवाह डीएवी के शिक्षक नवनीत बलौदी के साथ हुआ। जबकि तीन सितंबर 2022 को देहरादून के अस्पताल मे निधन हो गया।



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