महिला कांस्टेबल ने नवजात को अपना दूध पिलाकर दिया नया जीवन




नवीन चौहान/राजेश सरकार, हल्द्वानी। खाकी महज एक नौकरी नहीं है। खाकी कर्तव्य का बोध कराती है। जिसकों पहनने के बाद महिला हो या पुरुष वह पुलिस कहलाता है। पुलिस के कंधों पर कानून का अनुपालन कराने का दायित्व होता है। इसी पुलिस को कई बार कानून से भी ऊपर उठकर इंसानियत का धर्म भी निभाना पड़ता है। ऐसे ही मानवता की एक मिशाल हल्द्वानी पुलिस की एक महिला कांस्टेबल ने पेश की है। इस कांस्टेबल ने नवजात को अपना दूध पिलाकर नया जीवन दिया है। हालांकि ये कार्य पुलिस की ड्यूटी का हिस्सा नहीं है और ना ही कानून में ऐसा करने का कोई नियम है। लेकिन धरती पर मनुष्य के लिये इंसानियत सर्वोपरि है। जिसका पालन महिला कांस्टेबल ने किया है। न्यूज127 डॉट कॉम कांस्टेबल को सेल्यूट करता है।
नैनीताल एसएसपी जन्मेजय खंडूरी खाकी को कर्तव्य को ईमानदारी से निभाने के लिये प्रेरित करते रहते है। जिसके चलते नैनीताल पुलिस जनपद में बेहतर कार्य कर रही है। ऐसी की नैनीताल पुलिस ने एक मानवता की मिशाल हम आपके सामने रख रहे है। नैनीताल के थाना काठगोदाम, शीष महल निवासी गुंजन ने गोपाल सिंह से 24 फरवरी 2012 को प्रेम विवाह किया था। गुंजन ने 14 दिन पूर्व एक नवजात को जन्म दिया। जिसका नामकरण नवरात्रि में करना था। गुंजन और गोपाल के बीच पारिवारिक विवाद के चलते तनाव चल रहा था। इसी तनाव से ग्रसित गुंजन ने 22 सिंतंबर 2017 को पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। गुंजन अपने दूधमुंहे नवजात को रोता बिलखता छोड़कर संसार से विदा हो गई। जब आत्महत्या की सूचना पर पुुलिस गुंजन के घर पहुंची तो नवजात रोता बिलखता मिला। नवजात के रोने की आवाज सुनकर पुलिस को कुछ समझ नहीं आया। पुलिस कर्मियों में शामिल एक महिला कांस्टेबल का दिल नवजात के रोने पर पसीज गया। नवजात भूख से दूध के लिये तड़प रहा था। महिला कांस्टेबल ने उस नवजात को गोंदी में उठाकर छाती से लगा लिया। दूध के लिये नवजात की तड़प देखकर वर्दी के भीतर छिपी महिला कांस्टेबल की ममता जाग उठी। महिला कांस्टेबल उस बच्चे को एकांत में ले गई। नवजात को दूध पिलाकर उसकी भूख को शांत किया। ये बात जब पुलिस अधिकारियों तक पहुंची तो वर्दी के पीछे छिपी इंसानियत की बात जगजाहिर हो गई। सभी ने महिला कांस्टेबल के इस कार्य को सराहा। खाकी ने कानून से ऊपर उठकर मानवता के धर्म का पालन किया।

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खाकी कानून का पालन कराती है। लेकिन कई बार पुलिस को कानून के साथ-साथ इंसानियत का धर्म भी निभाना पड़ता है। इस महिला कांस्टेबल ने इंसानियत की मिशाल पेश कर खाकी का मान बढ़ाया है। महिला कांस्टेबल का सराहनीय कार्य है। महिला कांस्टेबल को सम्मानित किया जायेगा।
जन्मेजय खंडूरी, एसएसपी नैनीताल



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