नवीन चौहान
एसएसपी अजय सिंह ने हरिद्वार जनपद की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और पुलिस की कार्यशैली में ईमानदारी और पारदर्शिता लाने के लिए कड़ा रूख अपनाना शुरू कर दिया है। इसी के चलते एसएसपी अजय सिंह ने विवेचना में लापरवाही दिखाने के आरोप में एक महिला दारोगा को निलंबित कर दिया और प्रकरण में इंस्पेक्टर की भी प्रारंभिक जांच के आदेश जारी कर दिए।
बताते चले कि जनपद पुलिस की कमान संभालने के बाद एसएसपी अजय सिंह ने पीड़ितों को न्याय दिलाना ही अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस की लापरवाही किसी सूरत में बर्दाश्त नही की जायेगी। ऐसे ही एक प्रकरण में महिला दारोगा को निलंबित किया गया है।
विदित हो कि सिडकुल थाना क्षेत्र में शादी का झांसा देकर महिला से दुष्कर्म सम्बन्धी मुकदमें की जांच में विवेचक द्वारा लापरवाही पाई गई। विवेचनाधिकारी ने ठोस साक्ष्य संकलित किए बिना चार्जशीट लगा दी। जब इस बात की जानकारी एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह को लगी तो उन्होंने सख्त रुख अपनाकर विवेचक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उक्त प्रकरण के पर्यवेक्षण में बरती गई लापरवाही पर एसएचओ सिडकुल की प्रारंभिक जांच का आदेश जारी किया गया है।
इसी के साथ ही एसएसपी हरिद्वार ने सभी विवेचकों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए कि “पीड़ित केन्द्रित पुलिसिंग” की एक महत्वपूर्ण कड़ी “विवेचना” होती है क्योंकि इसी आधार पर पीड़ित को माननीय न्यायालय से न्याय मिलता है। इसलिए विवेचना में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही की जाएगी।
एसएसपी अजय सिंह की इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस में चर्चाओं का दौर जारी है।