नवीन चौहान
उत्तराखंड पुलिस ने इस घिनौने कृत्य की घटना के दौरान पूरी सूझबूझ दिखाई। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सीओ सिटी आईपीएस डॉ विशाखा भदाणे और नगर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने आक्रोषित भीड़ को शांत कराने और आरोपी को भीड़ से निकालकर सच उगलवाने तक अपनी परिपक्वता को दर्शाया। पुलिस ने शांति व्यवस्था को बहाल बनाकर रखा और आरोपी को कानून के मुताबिक सजा दिलाने के लिए पुलिस कस्टडी में ले लिया। हालांकि आक्रोषित भीड़ मौके पर ही हिसंक होने को आमादा थी। लेकिन एसएसपी ने मौके पर मौजूद रहकर विपरीत परिस्थितियों को धैर्य से नियंत्ररण करने में सफलता पाई। मासूम का शव बरामद कराने के बाद पोस्टमार्टम कराया और अब पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए कार्य कर रही है। अपराधी को सजा देने का कार्य कानून का है। जबकि अपराधी को कानून तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पुलिस की है। हरिद्वार पुलिस ने 11 साल की मासूम के कातिल को जेल पहुंचा दिया है। पुलिस को अब सबूतों को एकत्रित करना है। जबकि आरोपी को संरक्षण देने वाले आरोपी प्रॉपटी डीलर मामा राजीव को भी तलाश कर जेल भेजना है।
मासूम के लापता होने के बाद ही नगर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह पूरी तरह अलर्ट थे। वह बड़ी बारीकी के साथ इस केस की तफ्तीश में लगे थे। जैसे ही भीड़ ने आरोपी युवक से पूछताछ की तो वह सच उगलने को तैयार नही था। वक्त रात्रि करीब साढ़े नौ बजे का था। इसी दौरान इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह ने आगे बड़े और भीड़ में पहुंच गए। उन्होंने बड़ी चतुराई से युवक का हाथ थामा और दूसरा हाथ एक सिपाही ने पकड़ा और सरकारी वाहन में बैठाकर कोतवाली ले गए। करीब 20 मिनट बाद कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह फिर घटनास्थल पर पहुंचे। तब तक पुलिस ने शांति व्यवस्था के दृष्टिगत पूरी तैयारी कर ली थी। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हो गया था। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर मृत बच्ची का शव बरामद कर लिया था। बच्ची का शव देखने के बाद मौजूदा लोग अपना संयम खोने लगे थे। लेकिन पुलिस ने अपने धैर्य और सूझबूझ से मौके की स्थिति को संभाल लिया। फिलहाल आरोपी जेल की सलाखों के पीछे है। मासूम इस दुनिया से विदाई ले चुकी है। लेकिन मासूम की मौत ने हम सभी को सोचने और विचार करने के लिए विवश कर दिया है। आखिर आधुनिकता की दौड़ में हम किस ओर जा रहे है। हमारे सभ्य समाज में इस प्रकार की घटनाएं क्या संदेश दे रही है।