मित्र पुलिस की छवि को धूमिल कर रहा एक कांस्टेबल




-वर्दी के गुरूर में कांस्टेबल करता है पीडि़तों से करता अभद्रता
नवीन चौहान
मित्रता सेवा और सुरक्षा के स्लोगन की धज्जियां उड़ाते हुए एक कांस्टेबल पूरी तरह से वर्दी के गुरूर में है। कांस्टेबल थाने में आने वाले पीडि़तों से ही अभद्र भाषा में बात करता है। कांस्टेबल की गलतियों पर थाने में मौजूद दारोगा पीडि़तों को शांत करते दिखाई पड़ते है। देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती को ऐसे कांस्टेबलों के कार्यशैली पर विशेष नजर बनाकर रखनी चाहिए। तथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। आखिरकार पुलिस थाने जनता की सुरक्षा के लिए बने है। अगर जनता के साथ थानों में ही अभद्र व्यवहार किया जायेगा तो पीडि़त शिकायत लेकर किसके पास जायेगा।
उत्तराखंड पुलिस अपने मित्रता पूर्ण व्यवहार के लिए जानी जाती है। उत्तराखंड कैडर के तमाम आईपीएस अफसर पुलिस की छवि को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे है। पुलिस के आचरण को सुधारने के लिए जद्दोजहद कर रहे है। देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती खुद बहुत व्यवहार कुशल है। एसएसपी ने दो साल के कार्यकाल में देहरादून जनपद में अपराधों पर अंकुश लगाया है। जबकि पुलिस की छवि को बेहतर बनाने के काफी प्रयास किए है। इसके बावजूद कुछ पुलिसकर्मियों के आचरण के कारण मित्र पुलिस की कार्यशैली पर संदेह किया जाता है। पुलिस की छवि को खराब करने वालों में एक कांस्टेबल रायवाला थाने में तैनात है। इस कांस्टेबल के व्यवहार में कड़बाहट भरी है। थाने में पहुंचने वाले लोगों से अभद्रता करना एक सामान्य बात होकर रह गई है। इस कांस्टेबल की हरकतों से थाने के दारोगा और अन्य पुलिसकर्मी भी आजिज आ चुके है। रायवाला थाने का ये कांस्टेबल वर्दी के गुरूर में इतना मस्त है कि वह सामान्य नागरिकों के साथ बातचीत करने का तरीका तक भूल चुका है। ऐसे कांस्टेबलों के खिलाफ पुलिस अधिकारियों को तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।



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