मनरेगा के 7910 कार्य प्रारम्भ, 93 हजार से अधिक श्रमिकों को मिला काम




नवीन चौहान
मुख्य सचिव उत्पल कुमार​ सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में मनरेगा के वर्तमान में 7910 कार्य प्रारम्भ हो गए हैं। इनमें 93 हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं। इनमें एक विशेष बात है कि मनरेगा में 1089 नए श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है, इनमें से 850 को कार्य भी दिया गया है। मनरेगा के तहत जल संचय, जल संवर्धन और जल संरक्षण के काम प्राथमिकता से किए जा रहे हैं।

4479 उद्योगों को अनुमति, खनन की अनुमति
प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां भी शुरू की गई हैं। 4479 उद्योगों को आॅनलाईन अनुमति दी गई है। इन्होंने काम भी शुरू कर दिया है। इनमें 1 लाख 66 हजार श्रमिक, कार्मिक संलग्न हैं। सड़क, रेल, एयरपोर्ट, भवन निर्माण आदि काम शुरू होने जा रहे हैं। इनकी आवश्यकता को देखते हुए खनन का काम भी शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारियों को इसे प्राथमिकता से देखने को कहा गया है।

1 लाख 98 हजार श्रमिकों को 2-2 हजार रूपए की सहायता
भवन निर्माण से जुड़े श्रमिकों को लाॅकडाउन में राहत देने के लिए दो किश्तों में 1-1 हजार, कुल दो-दो हजार रूपए उनके खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। लगभग 1 लाख 98 हजार श्रमिक इससे लाभान्वित हुए हैं।

प्रामाणिक जानकारी पर ही विश्वास करें
मुख्य सचिव ने कहा कि सोशल मीडिया में सरकार की तैयारियों के बारे में बहुत सी अफवाहें चलती रहती हैं। लोगों से अनुरोध है कि प्रामाणिक जानकारियों पर ही विश्वास करें। हम पूरी व्यवस्था कर रहे हैं।

एनटीपीसी और पीएफसी देगी 12 एम्बुलेंस
मुख्यमंत्री राहत कोष और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड) में लगभग 60 करोड़ रूपए विभिन्न संस्थाओं, व्यक्तियों द्वारा जमा कराए गए है। इसका प्रयोग कोविड-19 से लड़ाई में किया जा रहा है। इस राशि का एक बड़ा भाग श्रमिकों व बेसहारा लोगों को भोजन आदि उपलब्ध कराने में प्रयोग किया गया है। बहुत से उद्योगों और संस्थाओं ने चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए हैं। नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन और पावर फाईनेंस कारपोरेशन ने सीएसआर से राज्य को 12 एम्बुलेंस, 10 हजार पीपीई किट और 10 हजार मास्क देने पर सहमति व्यक्त की है।



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