गगन नामदेव
अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह व सुरक्षाकर्मी के पिटाई प्रकरण के 12 घंटे बाद निर्मोही अखाड़े में अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। कल बेहद आक्रोषित दिखने वाले संत दयावान नजर आए। आज व्यवस्था को लेकर कोई सवाल और नाराजगी नही थी। अगर कुछ दिखाई दिया तो संतों का नम्र आचरण और अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह का सम्मान।
आखिरकार संतों के इस दोहरे चरित्र को लेकर सोशल मीडिया पर खूब किरकिरी हो रही है। संतों पर कानूनी कार्रवाई की बात की जा रही है। लेकिन सरकार से लेकर मेला प्रशासन संतों के सामने पूरी तरह से नतमस्तक नजर आ रहा है। बस इस प्रकरण पर मिटटी डालने का प्रयास किया जा रहा है।
विचारणीय बात यह है कि माफी मांगने के बाद से मामले का पटाक्ष्रेप करना कितना न्यायोचित है। इस प्रकरण की जांच कराने की बात तो अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने भी की है। मेलाधिकारी हरवीर सिंह के आत्म सम्मान को जो ठेस पहुंची है। उसकी भरपाई कैंसे होगी। अपनी डयूटी से बंधे होने के चलते उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। बड़ा दिल दिखाया और संतों को माफ भी कर दिया। लेकिन उनके दिल को जो ठेस लगी वो शायद ही कभी मिट सके।
आप खूब फूल माला पहनाओं। गले लगाओं। लेकिन सबसे पहले संत बनो।