बाबा रामदेव प्रकरण में 12 जनवरी को होंगे एडवोकेट अरूण भदौरिया के बयान




नवीन चौहान.
पतंजलि योगपीठ के स्वामी रामदेव व आई.एम.ए.के डॉक्टर राजन शर्मा व डॉक्टर जे.एस.एम. लेले के बीच हुई अपमानित शब्दों का प्रयोग व भावनाओं को ठेस पहुंचाने की बाबत हरिद्वार के अधिवक्ता अरुण भदोरिया एडवोकेट ने स्वामी रामदेव के पक्ष करते हुए हरिद्वार जुडिशल मजिस्ट्रेट द्वितीय के न्यायालय में धारा 156 3 सीआरपीसी के तहत एक प्रार्थना पत्र दोनों डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने हेतु दाखिल किया था।

जिस पर जुडिशल मजिस्ट्रेट द्वारा 17 जून 2021 में उक्त प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया था। अरुण भदोरिया एडवोकेट द्वारा आदेश खारिज का जनपद न्यायाधीश हरिद्वार के न्यायालय में निगरानी दाखिल की। जिसमें सुनवाई करते हुए दोनों डॉक्टर स्कोर अपना पक्ष रखने के लिए न्यायालय द्वारा तलब किया गया। उक्त दोनों डॉक्टरों की और से हरिद्वार के वरिष्ठ एडवोकेट उत्तम सिंह चौहान द्वारा पैरवी की गई और उत्तम सिंह चौहान द्वारा दोनों डॉक्टरों का प्रथम अपर जिला जज हरिद्वार सहदेव सिंह के न्यायालय में पक्ष रखा।

जिसे प्रथम अपर जिला जज हरिद्वार द्वारा अरुण भदोरिया एडवोकेट की निगरानी को स्वीकार करते हुए जुडिशल मजिस्ट्रेट द्वितीय को कंप्लेंट केस के रूप में सुनवाई हेतु आदेश पारित किया है सुनवाई के समय डॉक्टर्स के एडवोकेट द्वारा बताया गया कि केवल पक्षकारों के मध्य दौरान हुए वार्तालाप मतभेद हैं कोई संघे अपराध नहीं पाया गया जिस पर अरुण भदोरिया एडवोकेट ने पक्ष रखते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को भारत देश में किसी का अपमान करने की इजाजत नहीं है, और डॉक्टर्स द्वारा जो स्वामी रामदेव के लिए शब्दों का प्रयोग किया गया है उनसे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची।

उल्लेखनीय है कि 24 मई 2021 में आज तक न्यूज़ चैनल में स्वामी रामदेव व डॉ. एम. ले.ले. व डॉ राजन शर्मा के मध्य एंकर अंजना ओम कश्यप द्वारा एक डिबेट की गई थी। उक्त डिबेट में आईएमए के महासचिव राजन शर्मा व डॉ जयेश लेले ने स्वामी रामदेव को गुस्से में आप चुप बैठिए ,डोंट टॉक, कीप क्वाइट, अभी देखो क्या होता है, आदि बातें डिबेट में कहीं, जिसे पूरे संसार में देखा गया। अरुण भदोरिया ने अपनी भावनाएं स्वामी रामदेव के साथ जुड़े रहने के कारण इन डॉक्टरों की वजह से भावनाओं में ठेस पहुंचने पर यह वाद मुकदमा दर्ज कराए जाने हेतु न्यायालय की शरण ली थी अब उक्त मुकदमे की सुनवाई पुनः जुडिशल मजिस्ट्रेट द्वितीय द्वारा सुनवाई शुरू हुई। जिसमें अब अरुण भदोरिया एडवोकेट के बयान 12 जनवरी 2022 के लिए न्यायालय ने तलब किया है।



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