गगन नामदेव
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय को ऊंचाईयों पर ले जाने का संकल्प लेकर कार्य कर रहे वर्तमान कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति के एक निर्णय पर रोक लगाते हुए दो कर्मचारियों के वेतन की वसूली के लिए कमेटी गठित कर दी है। पूर्व कुलपति ने अपनी सेवानिवृत्ति से दस दिन पूर्व विश्वविद्यालय के दो दैनिक श्रमिक कर्मचारियों को वेतनभोगी बना दिया था। नियम विरूद्ध तरीके से किए गए इस कृत्य का पता जब वर्तमान कुलपति को लगा तो उन्होंने वित्त समिति की बैठक में सभी सदस्यों के समक्ष इस प्रकरण को रखा। वित्त समिति के सदस्यों ने इस आदेश को गलत माना तथा सभी ने एक स्वर में इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने पर सहमति दी। वित्त समिति के सदस्यों की सहमति मिलने पर कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने पूर्व कुलपति के इस मनमाने आदेश को निरस्त करने के आदेश जारी करते हुए अतिरिक्त वेतन की वसूली के लिए एक कमेटी गठित कर दी।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डॉ पीपी ध्यानी बेहद ही ईमानदार और कर्मठशील व्यक्तित्व के स्वामी है। कुलपति की कुर्सी पर काबिज होने के बाद से ही विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को सुधारने की कवायद में जुटे है। कुलपति डॉ ध्यानी पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे है। पूरी पारदर्शिता के साथ विश्वविद्यालय के तमाम कार्यो को सकुशल संपन्न कराने में जुटे है। नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराकर वह अपनी काबलियत दर्शा चुके है। इसी क्रम में पूर्व वीसी की इस मनमानी को उजागर करते हुए अपने ही उन्होंने अपनी ईमानदारी का जीता जागता उदाहरण पेश किया है।
बताते चले कि विश्वविद्यालय में दैनिक श्रमिक के तौर पर कार्यरत थे। लेकिन पूर्व कुलपति ने अपनी सेवानिवृत्ति से दस दिन पूर्व ही इन दोनों को कांट्रेक्ट बेसिस पर 20 हजार प्रतिमाह के वेतन पर नियुक्ति दे दी। इन दोनों की नियुक्ति के दौरान पूर्व वीसी ने अपने आदेश में लिखा कि वित्त समिति और कार्यपरिषद की प्रत्याशा में। इस आदेश के आधार पर ही इन दोनों कर्मचारियों को 20 हजार प्रतिमाह का वेतन भुगतान किया जाने लगा।