नवीन चौहान, हरिद्वार। कानून का अनुपालन करने वाली पुलिस पीड़ितों के साथ इंसाफ नहीं कर पा रही है। पुलिस पीड़ितों के दर्ज मुकदमों में विवेचना के लिये समय नहीं निकाल पा रही है। पीड़ितों को इंसाफ मिलने में देरी की मुख्य वजह वीवीआईपी और वीआईपी दौरे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिहार और नागालैंड के राज्यपाल, संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित तमाम वीआईवी के हरिद्वार आने के कारण पिछले कुछ माह से पुलिस की तमाम विवेचना जहां की तहां अटकी हुई है। इसके अलावा स्नान पर्व में लगने वाली पुलिस डयूटी भी पीड़ितों की विवेचनाओं में देरी का मुख्य कारण है।
उत्तराखंड पुलिस की गिनती मेहनती और साफ छवि की पुलिस में की जाती है। कर्तव्यनिष्ठा के मामले में उत्तराखंड पुलिस अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है। वहीं उत्तराखंड में हरिद्वार विश्वविख्यात जनपद है। हरकी पैड़ी का आकर्षण सबको यहां खींच ले आता है। संत मंडलों की स्थली होने के कारण देश के प्रमुख संतों के हरिद्वार में आश्रम हैं। इन आश्रमों में देश के तमाम वीवीआईवी और वीआईवी हरिद्वार आते हैं। गत कुछ दिनों की ही बात करें तो हरिद्वार में देश की तमाम बड़ी हस्तियों ने यहां शिरकत की। इन हस्तियों की सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन ने निभाई। यातायात व्यवस्था से लेकर वीवीआईपी की सुरक्षा को लेकर चाक चौबंद व्यवस्था की गई। इस दौरान पुलिस का मुख्य कार्य विवेचना जहां की तहां लंबित रही। पुलिस वीआईपी डयूटी बजाती रही और पीड़ित थाने के चक्कर लगाते रहे। पीड़ितों को अपने विवेचक के दर्शन तक नहीं हो पाये। वीआईपी डयूटी के बाद जब विवेचक थाने में मिले तो वो विवेचनाओं के बोझ तले दबे हुये थे। पीड़ितों को बताने के लिये उनके पास कोई जबाव नहीं था। कमोवेश हरिद्वार के थानों में दर्ज मुकदमों की यही स्थिति है। इसके अलावा पुलिस को कानून व्यवस्था को बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी, रात्रि गश्त से लेकर चेकिंग पुलिस को मानसिक तौर पर कमजोर कर रही है।
ये आए वीआईपी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बिहार व नागालैण्ड के राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल के अतिरिक्त कई अन्य वीआईपी।