नवीन चौहान.
हरिद्वार।
पड़ोसी महिला को आत्म हत्या के लिए उकसाने के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने पति-पत्नी को दोषी पाते हुए सात वर्ष का सश्रम कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान ने बताया कि माह जून 2014 को कोतवाली नगर क्षेत्र बिलकेश्वर कॉलोनी में आरोपी पति पत्नी व उनके पड़ोसी महिला परमजीत कौर के बीच 10 फुट के खुले स्थान पर दीवार बनाने को लेकर विवाद चल रहा था।
महिला परमजीत कौर व उसके पति आरोपी पति पत्नी को दीवार बना कर उसमें सीढ़ी बनाने से रोक रहे थे। जिसपर उन्होंने परमजीत कौर को भला बुरा कहकर उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाया था। आरोपियों की बातों से आहत होकर परमजीत कौर ने 25 जून 2014 को दोपहर में आत्महत्या करने के लिए अपने शरीर पर आग लगा ली थी। उसे गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए थे।जहां से डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत देखकर देहरादून निजी अस्पताल में रेफर कर दिया था। निजी अस्पताल देहरादून में इलाज के दौरान परमजीत कौर की मौत हो गई थी। मृतक महिला के पति परमजीत सिंह ने गुरजीत सिंह पुत्र गुरबचन सिंह निवासी बिलकेश्वर कॉलोनी कोतवाली नगर व उसकी पत्नी देवेन्द्र कौर उर्फ सिम्मी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया था।
शिकायत कर्ता ने पुलिस को बताया था कि अभियुक्त गण व उनके बीच दीवार के निर्माण को लेकर विवाद चल रहा है। इस संबंध में दोनों के बीच एक सिविल केस भी विचाराधीन है।लेकिन काफी प्रयास व विभाग में शिकायत करने के बाद आरोपी गण निर्माण कार्य नही रोक रहे थे। घटना के बाद मृतका परमजीत कौर के बेडरूम से उसके पति को एक सुसाइड नोट मिला था। जिसमें मृतका ने आरोपी पति पत्नी के अपशब्दों से आहत होकर सुसाइड करने की बात कही थी। मुकदमे में वादी पक्ष की ओर से 8 गवाह कराएं गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने पति पत्नी को दोषी पाते हुए 7 वर्ष की कैद तथा 10 -10 हज़ार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।