एसडीएम पूरन सिंह राणा ने सुनाया बीएचईएल के हक में महत्वपूर्ण फैसला, विशाल सैनी का दावा निकाला गलत




नवीन चौहान.
हरिद्वार एसडीएम पूरन सिंह राणा की कोर्ट ने वर्षों पुराने एक वाद में सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाया है। इस फैसले में जिस जमीन को लेकर विवाद था वह बीएचईएल की ही पायी गई। जिसके बाद एसडीएम ने बीएचईएल के हक में अपना फैसला सुनाया।

एसडीएम पूरन सिंह राणा के अनुसार वाद संख्या 25/2013-14 विशाल सैनी बनाम उत्तराखंड सरकार एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन था। इस वाद की सुनवाई और पक्षकारों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाया गया। इसमें विशाल सैनी ने दावा किया था कि खसरा संख्या 568 रकबा 2 बीघा 5 बिस्वा जमीन का बीएचईएल को अधिग्रहण नहीं किया गया है।, जबकि इस जमीन पर बीएचईएल अपना हक जाता रहा था। बीएचईएल का कहना था कि गजट के तहत इस जमीन का अधिग्रहण बीएचईएल के हक में हुआ था। उन्होंने इस संबंध में गजट के साथ साक्ष्य प्रस्तुत किये थे। जबकि विशाल सैनी इस जमीन को गजट से बाहर बता रहा था।

पूरे मामले की जांच के बाद पता चला कि खसरा संख्या 568 की इस 2 बीघा 5 बिस्वा जमीन का अधिग्रहण पूर्व में किया जा चुका है और उसका प्रतिकर भी जमीन के मालिकान प्राप्त कर चुके हैं। जांच में सब तथ्य सामने आने के बाद विशाल सैनी का दावा गलत पाया गया, जिसके बाद एसडीएम कोर्ट ने फैसला बीएचईएल के हक में सुनाया।

बताया कि इस जमीन का गजट 15 नवंबर 1961 में हुआ था। यह जमीन भगत सिंह चौक के पास स्थित है, इस पर वर्षो से वाद की सुनवाई चल रही थी।

बतादें इससे पहले भी एसडीएम पूरन सिंह राणा ने ऋषिकुल की जमीन को लेकर चल रहे एक वर्षों पुराने वाद का जांच और साक्ष्यों के आधार पर निस्तारण किया था।



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