Big News: दिव्या की कहानी का सात साल में हुआ अंत, ये बात आई सामने




न्यूज डेस्क,
दिव्या पहुंजा हत्या कांड में पुलिस आयुक्त के आदेश पर पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन हुआ है। इसमें डीसीपी क्राइम की ओर से सुपरविजन किया जाएगा। एसआईटी में शामिल होने वालों में एसीपी क्राइम, सीआईए सेक्टर 17 के प्रभारी व थाना प्रभारी सेक्टर 14 को शामिल किया गया है। दूसरी ओर 72 घंटे से अधिक समय बीत गया है, लेकिन अभी तक दिव्या के शव का सुराग नहीं लगा है।

साइबर सिटी के एक साधारण परिवार की दिव्या पहुजा दो गैंगस्टरों के बीच फंसकर सात साल में ही न केवल चर्चा में आ गई, बल्कि इन्हीं सात साल के दौरान उनकी कहानी का अंत भी हो गया। सात साल पहले गैंगस्टर संदीप गाडौली के एनकाउंटर के बाद चर्चा में आई दिव्या की कहानी का अंत अब एक होटल मालिक की दोस्ती से हो गया।

इसमें दिव्या और उसकी मां को भी आईपीसी की धारा-120बी के तहत मुलजिम बनाया गया था। एनकाउंटर के आरोपी पुलिसकर्मियों के साथ ही मुंबई पुलिस ने दिव्या और उसकी मां को भी जेल भेज दिया था। यहीं से दिव्या चर्चा में आई। उस समय उसकी उम्र भी मात्र बीस बरस ही थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गैंगस्टर संदीप के विरोधी दूसरे गैंगस्टर बिंदर गुर्जर से दोस्ती का उस पर आरोप लगा। दोनों एक साथ संदीप की हत्या के मामले में मुंबई जेल में बंद रहे। बीते साल ही 25 जुलाई को दिव्या जमानत पर बाहर आई थी। गुरुग्राम आने पर उनसे बिंदर गुर्जर के साथ होटल संचालक अभिजीत से दोस्ती कर ली थी। पुलिस की माने तो दिव्या बीते तीन माह से अभिजीत के साथ रिलेशनशिप में थी। होटल मालिक से उसकी यही दोस्ती मौत का कारण बन गई।



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