अक्षिता रावत
सत्ता और सीएम के करीब की कुर्सी पर बैठकर अंहकार आना स्वाभाविक बात है। गनर रखना और सत्ता की हनक दिखाना नेताओं की फितरत में शुमार होता है। क्षेत्र के विकास कार्यो में कमीशनखोरी में हिस्सेदारी को अपना हक समझना भी नेताओं की कार्यशैली में शामिल रहता है। लेकिन हरिद्वार के जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित चौहान की बात करें तो उनके लिए जनता का आशीर्वाद ही सर्वोपरि है। जनता का सम्मान करना कोई उनसे सीखे। जनता के पैर छूकर आशीर्वाद लेने का उनका भाव राजनीति के क्षेत्र में बड़े मुकाम का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
हरिद्वार लक्सर रोड़ के एक छोटे से गांव नूरपुर पंजहेड़ी निवासी अमित चौहान ने पेशे से किसान है। लेकिन प्रॉपटी के कारोबार से नई पहचाई बनाई और समाजसेवा में सक्रिय है। गरीबों का आर्थिक सहयोग करना और उनके दुख दर्द में शामिल रहना उनका स्वाभाविक गुण है। क्षेत्र का सर्वाणीण विकास करने को लेकर राजनीति में कदम बढ़ाया और भाजपा से जुड़े। युवा मोर्चा के तमाम पदों पर रहकर जनता की सेवा में सक्रिय रहे। संगठन के कार्यो में बढ़चढ़ हिस्सा लिया और ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा को मजबूत करने का कार्य किया।
साल 2022 के जिला पंचायत के चुनाव में भाजपा ने जमालपुर कलां सीट पर पार्टी समर्थित प्रत्याशी के तौर पर अमित चौहान को मैदान में उतारा। अमित चौहान ने धुआंधार चुनाव प्रचार किया और उनके समाजसेवा के कार्यो का प्रतिफल सर्वाधिक मतों से जीत के रूप में मिला। अपने पहले की चुनाव में जबरदस्त जीत मिलने पर अमित चौहान की आंखों में आंसू दिखाई दिए और जनता के प्रति नैतिक जिम्मेदारी का भाव दिखाई दिया।
अमित चौहान को जिला पंचायत में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निर्वहन करने का अवसर मिला। उपाध्यक्ष की कुर्सी मिलने के बाद से अमित चौहान की सादगी, सरलता और मानवीय संवेदनाओं में इजाफा हुआ। जनता के प्रति अपने कर्तव्य का बोध हुआ।
उन्होंने जनता से नजदीकियां रखने के लिए सबसे पहला निर्णय सुरक्षाकर्मी को दूर करने का किया। उनके बाद क्षेत्र के विकास कार्यो का रोड़ मैप तैयार किया। प्राथमिकता के तौर पर क्षेत्र की बिजली, पानी और सड़क की व्यवस्थाओं पर मोर्चा संभाला।
सुबह सबेरे उठकर गांव का भ्रमण करना और घर—घर जाकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुनते है। पंचायत योजनाओं से होने वाले कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करते गुणवत्ता को पहली प्राथमिकता देते है।
अमित चौहान की दूसरी सबसे बड़ी खूबी है कि विकास कार्यो में ठेकेदारों की कमीशनखोरी से कोसों दूरी बनाकर चलते है। इसी के साथ निर्माण कार्य पूर्ण होने पर अपने ही क्षेत्र के बुजुर्गो से फीता कटाते है। बुजुर्ग महिलाओं से नारियल फोड़कर स्वयं आशीर्वाद प्राप्त करते है। बुजुर्गो से मिले आशीर्वाद को हासिल करने के बाद खुद को गौरवांवित महसूस करते है।
अमित चौहान अपने क्षेत्र की जनता के लिए हरवक्त उपलब्ध रहते है। जनता उनके आसानी से मिल सकती है और अपनी समस्याओं को बता सकती है।
अमित चौहान की जमीनी स्तर की सोच और गरीबों के प्रति सेवा करने की भावना भविष्य में एक बड़े राजनेता के रूप में देख रही है। बुजुर्गो का मिलने वाला आशीर्वाद फलीभुत होगा तो अमित चौहान जैसा युवा नेता बड़े—बड़ों को आईना दिखायेगा।