Haridwar Police के दिल में दर्द, ले रहे नींद की गोलियां, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान
हरिद्वार। हरिद्वार पुलिस के दिल में दर्द छिपा हुआ है। ये दर्द वह आत्ममंथन के मंच पर सांझा कर रहे है। किसी पुलिसकर्मी को विभागीय परेशानी है तो किसी की पारिवारिक समस्यायें है। किसी को मैंस का खाना पसंद नहीं आ रहा तो किसी पुलिसकर्मी को विभाग से छुट्टी मिलने में तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। किसी को अपने मोटापे के कारण मानसिक तनाव है।

कुछ पुलिसकर्मी नींद की गोलियों का सहारा ले रहे है। कुल मिलाकर कहें तो आत्ममंथन के मंच पर पुलिसकर्मियों की टेंशन बाहर आ रही है। मनोवैज्ञानिक डॉ मुकुल शर्मा पुलिसकर्मियों को मानसिक तनाव से बाहर निकलने के रास्ता बता रहे है। मनोवैज्ञानिक के सुझाव पुलिसकर्मियों को खूब पसंद आ रहे हैं। कई पुलिसकर्मियों ने मनोवैज्ञानिक का मोबाइल नंबर लेकर व्यक्तिगत तौर पर बात करने को कहा हैं। पुलिस अफसरों की इस मुहिम के सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे है। पुलिसकर्मी अपनी इच्छा से इस मुहिम का हिस्सा बनकर अपना दर्द बयां कर रहे है।

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पुलिसकर्मियों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रत्येक माह पुलिस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। पुलिस सम्मेलन में वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक पुलिसकर्मियों की समस्याओं को सुनते है और उनको दूर करने का प्रयास करते है। लेकिन पुलिसकर्मी पुलिस सम्मेलन में खुलकर अपनी बात अधिकारियों के सामने नहीं रख पाते है। पुलिसकर्मी अधिकारियों के सामने अपनी बात रखने में संकोच करते है। यही संकोच घुटन का कारण बनती है। जिसके चलते पुलिसकर्मी मानसिक तनाव के दौर से गुजरते है। इसी तनाव को दूर करने के लिये एसएसपी कृष्णकुमार वीके ने पुलिसकर्मियों को एक खुला मंच प्रदान किया है।

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इस खुले मंच को आत्ममंथन का नाम दिया गया है। एसएसपी ने आत्मंथन को सफल बनाने के लिए इसकी कमान एसपी सिटी ममता वोहरा को दी है। एसपी सिटी ममता वोहरा ने मनोवैज्ञानिक डॉ मुकुल शर्मा को पुलिसकर्मियों के मानसिक तनाव को दूर करने और आत्मविश्वास जाग्रत करने के लिए जिम्मेदारी दी है। पिछले दो सेशन में ये अभियान पुलिसकर्मियों को काफी पंसद आया। रविवार 28 जनवरी को सीसीआर में आयोजित आत्ममंथन में

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पुलिसकर्मियों ने मनोवैज्ञानिक
डॉ मुकुल शर्मा ने मानसिक तनाव की कई समस्याओं को बताया। डॉ मुकुल शर्मा ने बताया कि मित्र पुलिस के जवानों में कई तरह की मानसिक समस्यायें दिमाग में चल रही है। सही तरीके से जीवन शैली और समय के तालमेल से अधिकतम परेशानियां दूर हो सकती है। ड्यूटी और परिवार के बीच के समय के तालमेल में समन्वय का अभाव है। पुलिसकर्मी ऊर्जावान है। जल्द ही मानसिक तनाव से बाहर नई एनर्जी के साथ दिखाई देंगे।



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