नवीन चौहान
हरिद्वार कुंभ पर्व में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई को देखने के लिए हरिद्वार की सड़कों पर जबरदस्त जनसैलाब उमड़ आया। सड़क के दोनों छोर पर हरिद्वार की स्थानीय जनता की भीड़ उमड़ गई। धर्म के प्रति लोगों की आस्था देखते ही बन रही थी। सभी लोग संतों का आशीर्वाद लेने का उत्सुक दिखाई दिए। आस्था भगवा रंग से सराबोर दिखाई दी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निरंजन अखाड़े की पेशवाई प्रारंभ होने से पूर्व एसएमजेएस कॉलेज स्थित छावनी में प्रवेश किया। इष्टदेव की पूजा अर्चना की और संतों का माल्यापर्ण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी जी की ओर से दही और चावल के प्रसाद को ग्रहण किया। जिसके बाद निरंजनी अखाड़े की पेशवाई विधिवत रूप से हरहर महादेव के उदघोष के साथ प्रारंभ होकर नगर भ्रमण के लिए निकलने लगी। तमाम नागा संन्यासी, साधु संत, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रहमचारी जी की अगुवाई में महामंडलेश्वर के रथ निकलना प्रारंभ हो गए। साधु संतों के वैभव को देखने को लेकर हरिद्वार की जनता सड़क और घरों की छतों पर आ गई। बैंग बाजों की धुनों, उत्तराखंड संस्कृति की प्रस्तुति पेश करते लोक कलाकर पेशवाई का मुख्य आकर्षण रहे। हिंदु धर्म के ध्वज वाहक बने संतों का आशीर्वाद लेने के लिए हरिद्वार कार जनसैलाब सड़कों पर उमड़ा रहा। हरिद्वार के मुख्य मार्गो से गुजरती हुई पेशवाई नगर भ्रमण के बाद निरंजनी अखाड़े की ओर बढ़ रही थी। वही इस पेशवाई को देखने के लिए जनता में उत्सुकता और धर्म को जानने के लिए कौतुहल देखने को मिला। बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं अपनी धर्म संस्कृति को निकटता से देख रही थी। कुंभ पर्व में धर्म ध्वजा की स्थापना के बाद पेशवाई आकर्षण का प्रमुख केंद्र रही।