हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण के नाम पर उगाही और दलाली पर सख्ती, कथित पत्रकारों पर नजर





नवीन चौहान

हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण के नाम पर उगाही और दलाली के खेल पर रोक लगाने के लिए प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने पूरी सख्ती कर दी है। कथित पत्रकारों की कार्यशैली पर भी नजर रखने की तैयारी पूरी कर ली गई है। निर्माण स्थल पर जाकर पत्रकारिता का रौब झाड़ने वाले कथित पत्रकारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। एचआरडीए के कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच कराई जायेगी।
एचआरडीए के सभागार में उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ मानचित्रों की स्वीकृत करने की दिशा में कार्य कर रहा है। जनता को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो, इसका बेहद खास ख्याल रखा जा रहा है। लेकिन विगत दिनों कई प्रकरणों में कथित पत्रकारों की भूमिका पर सवालिया निशान लगाते हुए उन्होंने अपनी बता रखी। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित पत्रकार निर्माण स्थलों पर जाकर भवन स्वामियों का उत्पीड़न करते है। उनको नक्शा अस्वीकृत होने अथवा नक्शे के अनुरूप निर्माण नही होने की एवज में धन उगाही करने की मांग करते है। ऐसे कृत्यों से समाज के जिम्मेदार पत्रकारों की ईमानदारी पर प्रश्नचिंह लगता है। उन्होंने हरिद्वार के पत्रकारों की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि अधिकतम पत्रकार अपना कार्य बहुत ही ईमानदारी से करते है। लेकिन कुछ कथित पत्रकारों के समाज में सभी पत्रकारों की छवि धूमिल हो रही है।
अंशुल सिंह ने कहा कि सभी पत्रकारों को तत्काल सूचना देने के लिए व्हाटसएप पर ग्रुप बनाकर सभी पत्रकारों को जोड़ा जा रहा है। ताकि एचआरडीए की विभागीय जानकारी सभी पत्रकारों को सुगमता से मिल सके। उन्होंने कहा कि एचआरडीए शहर को खूबसूरती प्रदान करने के लिए कई सकारात्मक कार्यो को मूर्तरूप देने में जुटा है। इसके अलावा अवैध निर्माण की रोकथाम के लिए प्राधिकरण की टीम लगातार क्षेत्रों में घूम रही है। अवैध कॉलोनियों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई बहुत तेजी के साथ हो रही है।
प्राधिकरण के सचिव उत्तम सिंह चौहान ने बताया कि एचआरडीए हरसंभव प्रयास जनता को सहुलियत प्रदान करने के लिए कर रहा है। लेकिन कथित पत्रकारों के कारण लगातार विरोधाभासी बाते उत्पन्न हो रही है। पत्रकारों की सूचनाओं पर एचआरडीए की टीम कार्रवाई करने पहुुंचती है। लेकिन मौके पर जाकर कुछ और ही जानकारी हासिल होती है। बीते दिनों कुछ प्रकरणों का उदाहरण देते हुए बताया कि पत्रकार खुद ही मानचित्रों की जांच करते है। तथा सेटिंग गेटिंग के फार्मूले का उपयोग करते है। जिसके चलते विभाग और जिम्मेदार पत्रकारों की भूमिका पर सवाल उठता है।

विदित हो कि युवा आईएएस अंशुल सिंह एचआरडीए की लचर कार्यशैली को बदलने और विभागीय छवि को स्वच्छ बनाने की दिशा में जददोजहद कर रहे है। एचआरडीए का इकबाल बुलंद करने के लिए भूमाफियाओं में खौफ पैदा कर रहे है। ताकि अवैध कॉलोनियों में प्लाट खरीदने के बाद सपनों का घर पर एचआरडीए का ग्रहण ना लग पाए। मकान बनाने वाले वैध कॉलोनी में अपना आशियाना बना सके। इसी के चलते एचआरडीए और कथित पत्रकारों के गठजोड़ को तोड़ने की दिशा में एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने अपना पहला कदम बढ़ा दिया है।



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