ट्रेन हादसाः रोने लगा हरिद्वार, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार




जोगेंद्र मावी
हरिद्वार के ग्राम सीतापुर के चार युवकों की रेल हादसे में दर्दनाक मौत के बाद समूचे हरिद्वारवासियों की आंखों में आंसू दिखाई दिए। कनखल श्मशान घाट पर गमगीन माहौल में चारों दोस्तों का एक साथ ही अंतिम संस्कार हुआ। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया थे। जिसके बाद अंतिम संस्कार की रस्म निभाई गई। हालांकि चारों युवकों की आकस्मिक मृत्यु परिजनों को हमेशा सालती रहेगी। चारों युवकों की यादगार दोस्ती की चर्चा भी रहेगी।
बृहस्पतिवार 7 जनवरी-2021 की शाम को सीतापुर रेलवे फाटक के पास नई रेल पटरी के परीक्षण के लिए ट्रायल ट्रेन चलाई गई थी। इसी ट्रायल ट्रेन की चपेट में आने से चार युवकों की मौत हो गई। जिसके बाद देर शाम चार युवकों के घर नहीं पहुंचने पर दो की शिनाख्त रेल हादसे में मरने वालों के रूप में हुई। चारों युवक सीतापुर गांव के निवासी बताए गए। जिनकी पहचान विशाल पुत्र अरविंद चौहान, प्रवीण पुत्र अशोक चौहान, मयूर पुत्र शशिपाल चौहान और हैप्पी पुत्र प्रमोद चौहान के रूप में हुई। चौहान बाहुल्य क्षेत्र में चौहान बिरादरी के चार युवकों की मौत की खबर आग की तरह फैल गई। शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने लोगों का तांता उमड़ गया। देर रात्रि तक लोग उनके घरों के बाहर डटे रहे। जनता की आंखों में आंसू बहते रहे। इसी के साथ पुलिस बल शव का पोस्टमार्टम कराने की तैयारियों में जुटा था। दूसरी ओर क्षेत्र की आक्रोशित जनता ने रेलवे फाटक पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सैंकड़ों की संख्या में नौजवान रेल लाइन पर धरना देकर बैठ गए। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीड़ित परिजनों को अपनी संवेदनाए व्यक्त की। इसी के साथ इस घटना की जांच कराने के आदेश दिए और पीडितों को दो-दो लाख मुआवजा देने की घोषणा दी। नगर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद घर भेजने की व्यवस्था कराई।

सीतापुर हादसे के बाद धरने पर बैठे लोगों से बात करते हुए एसएसपी सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस और एसएसपी रेलवे मंजूनाथ टीसी

एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने पीड़ितों के बीच पहुंचकर धरना समाप्त कराया और अपना दुख व्यक्त किया। वही श्मशान घाट कनखल पर दुख व्यक्त करने वालों की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। लेकिन गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार के पल हृदय को द्रवित कर रहे थे। युवा अवस्था की आकस्मिक मृत्यु का दर्द परिजनों को हमेशा सालता रहेगा। परिजनों के साथ हरिद्वारवासियों को भुलाने के लिए लंबा वक्त लगेगा।



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