एस-400 वायु रक्षा मिसाइलों का भारत-रूस में होगा करार




नई दिल्ली, एजेंसियां. रूस के राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से तास समाचार एजेंसी ने कहा, ब्रिक्स सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं की बातचीत के बाद भारत को एस-400 ट्रंफ विमान रोधी मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति पर एक समझौता किया जाएगा। कुछ अन्य दस्तावेजों पर भी दस्तखत किए जाएंगे। उन्होंने कहा, भारत तीन प्रकार की मिसाइलों पर निशाना साधने में सक्षम सबसे आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली में से पांच प्रणालियां हासिल करने में रुचि रखता है। इसमें अपनी तरफ आ रहे दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोनों को 400 किलोमीटर तक के दायरे में मार गिराने की क्षमता है।

रूस और भारत शनिवार को एस-400 ट्रंफ लंबी दूरी की क्षमता वाली वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली सहित कई रक्षा करार करेंगे। रूस की सरकारी मीडिया की ओर से गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली वार्षिक शिखर वार्ता के बाद कई अहम रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।उशाकोव ने कहा कि रक्षा सौदे से जुड़े दस्तावेजों पर बंद दरवाजों में दस्तखत किए जाएंगे। हालांकि, उन्होंने सौदे का ब्योरा नहीं दिया। एजेंसी के मुताबिक रूस की भारत के लिए प्रोजेक्ट 11356 के तहत युद्धपोत बनाने के संबंध में समझौता करने की और कामोव का-226 टी हेलीकॉप्टर के उत्पादन के संयुक्त उपक्रम स्थापित करने की भी योजना है। सुखोई 30-एमकेआई को उन्नत बनाने पर दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है ।

अधिकारियों ने बताया कि परमाणु सहयोग के मुद्दे पर दोनों पक्ष एक जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने और कुडनकुलम परियोजना के तहत इकाई-5 और इकाई-6 के लिए एक ऋण करार तैयार करने का काम कर रहे हैं। इसपर भी शिखर वार्ता में मुहर लगने की संभावना है।

गौरतलब है कि अगर भारत समझौते पर हस्ताक्षर करता है तो यह चीन के बाद इस मिसाइल प्रणाली का दूसरा ग्राहक होगा। चीन ने पिछले साल तीन अरब डॉलर का करार किया था। एस-400 पहले केवल रूसी रक्षा बलों के लिए ही उपलब्ध था। यह एस-300 का उन्नत संस्करण है। अलमाज-आंते ने इसका उत्पादन किया है और रूस में 2007 से यह सेवा में है।



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