पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह बोले देवस्थानम बोर्ड के विरोध में स्वार्थी लोग





उत्तराखंड की जनता तोड़ देगी मिथक, भाजपा को मिलेगा प्रचंड बहुमत
नवीन चौहान
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड का विरोध कुछ स्वार्थी लोग अपने हितों की पूर्ति के लिए कर रहे है। बोर्ड के गठन करने से पंडे पुरोहितों के हक हकूक पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। कुछ स्वार्थी लोग अपने फायदे के लिए पुरोहित को बरगलाने और भ्रमित करने का कार्य कर रहे है। यह बोर्ड उत्तराखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आयेंगी। उत्तराखंड की जनता का आशीर्वाद भाजपा को दोबारा मिलेगा और प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का मिथक टूट जायेगा। आम आदमी का उत्तराखंड में कोई अस्तित्व नही है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मीडिया से बातचीत


कनखल स्थित एक आश्रम में निजी कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि साल 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनाव होने है। इसी के दृष्टिगत अखिल भारतीय स्तर पर भाजपा और भाजपा के सभी प्रदेशों की ईकाइयां अलग—अलग तरीके से अपनी—अपनी तैयारियों में जुटे है। केंद्रीय नेतृत्व, प्रभारीगण लगातार इस पर नजर बनाकर रखे हुए है। तमाम स्तर के कार्यक्रम बूथ स्तर पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। जन आशीर्वाद रैलियां आज से शुरू हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक जी जन आशीर्वाद यात्रा की रैली को श्रीनगर में संबोधित करेंगे। छह सितंबर को अल्मोड़ा में भी जनआशीर्वाद रैली आयोजित की गई है। चुनाव के दृष्टिगत सभी प्रयास किए जा रहे है। चुनावी रणनीति बनाई जा रही है। के तहत कार्य किए जा रहे है। साल 2022 का चुनाव इस राज्य की परंपरा और इतिहास को बदलेगा। भाजपा को जनता दूसरी बार लगातार मौका देगी। जनता की सोच बदलेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आम आदमी पार्टी का उत्तराखंड में कोई अस्तित्व नही है। दिल्ली की जनता ने झाड़े के कारनामों को भली भांति देख लिया है। यह बयानवीरों की पार्टी है। केवल वायदे करती है। चुनावी वायदों को धरातल पर उतारने में नाकाम होती है। आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में अपनी पहचान ही बना ले यही बहुत है। जबकि उत्तराखंड के लोग राष्ट्रीय विचारधारा के है। राष्ट्रीय सोच रखते हुए राष्ट्रीय दलों के ही साथ रहते है। उत्तराखंड क्रांति दल, तिवारी कांग्रेस और कई अन्य स्थानीय पार्टियों को उत्तराखंड की जनता अस्वीकार कर चुकी है। राष्ट्रीय विचारधारा वाली पार्टी को ही जनता अपना समर्थन देगी।
खुद के मुख्यमंत्री के तौर पर चुनाव में प्रोजेक्ट करने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मैं पार्टी का संगठित सिपाही हूं। संगठन ने कहा कि चुनाव लड़ो तो चुनाव लड़ा। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाने को कहा तो वह भी निभा ली। हाईकमान ने कहा कि दूसरे को मौका दे दो। तो दूसरे को मौका दे दिया।
पार्टी का अनुशासित सिपाही होने के
नाते पार्टी हाईकमान जो भी जिम्मेदारी तय करेगा। उसी के अनुसार कार्य करूंगा। तीन मुख्यमंत्री बदलने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बड़े हित के लिए छोटे हितों को त्यागना पड़ता है। पार्टी हाईकमान को बड़ा हित नेतृत्व परिवर्तन में दिखा है तो प्रदेश की शिक्षित जनता यह समझती है कि भाजपा हाईकमान का निर्णय राज्य हित के लिए है।
देवस्थानम बोर्ड पर कहा कि धर्मस्थान श्रद्धालुओं के लिए है। श्रद्धालुओं की मठ मंदिरों के प्रति श्रद्धा है। इन मठ ​मंदिरों के व्यापक हितों के लिए देवस्थानम बोर्ड की स्थापना की गई। पहले भी बदरी केदार मंदिर समिति एक एक्ट के अधीन कार्य करती थी। जिसमें बदरी केदारनाथ समेत 47 अन्य मंदिर थे। अब दो प्रमुख मंदिर यमुनोत्री और गंगोत्राी को जोड़ा गया है। चार और छोटे मंदिरों ने सरकार को लिखकर दिया कि हमे में शामिल कर लिया जाए। चार मंदिरों को औा जोड़ा गया। देवस्थानम बोर्ड के पीछे स्पष्ट सोच है कि बढ़िया, सुरक्षित,सुव्यवस्थित यात्रा अपने यात्रियों को प्रदान करें। आल वेदर रोड़ और रेल लाइन का कार्य चल रहा है। एयर कनेक्टिविटी बहुत अच्छभ् है। आने वाले वक्त में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। इसके लिए आईएएस अफसर सीईओ के रूप में कार्य करेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री अध्यक्ष होंगे।​ पंडो, पुरोहितों के हक हकूक में कोई परिवर्तन नही हुआ। किसी ने भी इस बोर्ड में कोई कमी नही बताई। कुछ राजनैतिक लोगों की दखल और बरगलाने और आशंकित करने के बाद विरोध के स्वर सुनाई दे रहे है। चंद लोगों के ​स्वार्थ हो सकते है। देश में जहां भी ट्रस्ट और बोर्ड बने है, उनकी व्यवस्थाओं से कॉलेज, स्कूल, मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे है। व्यापक सोच के साथ इसको बनाया गया है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *