नवीन चौहान.
कालाढुंगी सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गजराज बिष्ट को मनाने में आखिर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत कामयाब हो गए। त्रिवेंद्र सिंह रावत की बात को गजराज बिष्ट इंकार नहीं कर सके। जिसके बाद पार्टी के सामने खड़ी हुई बड़ी चुनौती फिलहाल समाप्त हो गई।
कालाढुंगी सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता गजराज बिष्ट ने पार्टी के सामने बड़ी चुनौती पेश कर दी थी। टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय नामांकन भी कर दिया था। इससे भाजपा के वरिष्ठ नेता बंसीधर भगत को बड़ा नुकसान होने का अंदेशा था।
जिसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत स्वयं गजराज बिष्ट को मनाने के लिए पहुंचे। उन्होंने करीब आधे घंटे तक अकेले में गजराज से गुफ्तगू की। शाम होते ही इस बगावत का अंत हो गया। गजराज ने बाहर आकर मीडिया के सामने अपनी नाराजगी दूर हो जाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि इन दिनों जिस तरह से कालाढ़ूंगी की जनता उनके पीछे आ खड़ी हुई थी, कालाढूंगी के लोगों के इस अहसान को वे कभी नहीं भूलेंगे। गजराज आज अपना पर्चा वापस लेंगे और इसके बाद बंशीधर भगत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका चुनाव प्रचार करेंगें।
इस पूरे घटनाक्रम का पटाक्षेप करने का श्रेय पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को जाता है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि हमारा प्रत्याशी पार्टी का निशान कमल का फूल है। हमें मिलकर अपनी पार्टी को जीत दिलानी है।