नवीन चौहान.
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई शिष्टाचार भेंट से प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में खलबली मची है। इस मुलाकात के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
बतादें बुधवार को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच प्रदेश की वर्तमान परिस्थिति समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
आज अचानक जब त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तस्वीर सामने आयी तो प्रदेश में खलबली मच गई। सियासी गलियारे में इसे किसी बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं बतादें प्रदेश सरकार के दो कैबिनेट मंत्री भी इस समय दिल्ली में है। इनमें कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल और धनसिंह रावत शामिल हैं। इन दोनों ने भी केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार साल तक प्रदेश सरकार की कमान संभाली, उनके कार्यकाल में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया। उन्होंने संगठन और सरकार के बीच भी तालमेल बनाए रखा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जीरो टालरेंस की नीति पर काम करते हुए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया। शायद यही वजह थी कि उनसे प्रदेश की जनता जहां खुश थी वहीं पार्टी में उनके विरोध के स्वर फूट रहे थे।
इस बार विधानसभा चुनाव में भी त्रिवंेद्र सिंह रावत ने किसी भी सीट पर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। उन्हांेने चुनाव के दौरान प्रदेश में पार्टी का व्यापक प्रचार किया।
वर्तमान में भी वह पार्टी की नीतियों को आम जनता तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं के साथ आज भी उनका नजदीकी का रिश्ता कायम है।