सिलक्यारा टनल: मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए सेना की इंजीनियर रेजिमेंट पहुंची




नवीन चौहान.
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर राहत कार्य किया जा रहा है। राहत कार्य में जुटी टीम के सामने आ रही अड़चनें भी उनका हौसला कम नहीं होने दे रही है। माथे पर थोड़ी शिकन जरूर आती है लेकिन अंदर फंसे श्रमिकों को बाहर सुरिक्षत निकालने के लिए वह हिम्मत के साथ जुटे हैं।

सिल्कयारा सुरंग में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए अब भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के एक इंजीनियर समूह (मद्रास सैपर्स) की एक इकाई को बुलाया गया है। बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए इंजीनियर रेजिमेंट के 30 जवान मौके पर पहुंच गए हैं। मैनुअल ड्रिलिंग के लिए भारतीय सेना नागरिकों के साथ मिलकर सुरंग के अंदर रैट बोरिंग करेगी।

जानकारी के अनुसार मैन्युअल ड्रिलिंग करने के लिए भारतीय सेना नागरिकों के साथ मिलकर हथौड़े और छेनी जैसे हथियारों से सुरंग के अंदर के मलबे को खोदेगी और फिर पाइप को पाइप के अंदर बने प्लेटफॉर्म से आगे बढ़ाया जाएगा। सुरंग के अंदर 41 लोग सुरक्षित और स्थिर हैं। वहीं दूसरी ओर प्लाज्मा कटर भी पहुंच गया है, कटर से पाइप लाइन में फंसी मशीन को काटना शुरू किया गया है।

वहीं दूसरी ओर टनल में फंसे श्रमिकों का धैर्य भी जवाब देता जा रहा है। प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी उनसे बात कर उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। सीएम धामी का कहना है कि मौके पर बचाव कार्य में जुटी टीम श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए दिन रात एक किये हुए हैं। आज भी सीएम ने बात की। अंदर फंसे श्रमिकों को बात करने के लिए लैंड लाइन फोन भी सुविधा भी उपलब्ध करायी गई है।



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