कांस्टेबल के बाद अब एसएसआई सस्पेंड, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान,

हरिद्वाररेप प्रकरण में पैंसों के लेनदेन की गाज गंगनहर कोतवाली के एसएसआई चंद्रमोहन सिंह पर गिर गई है। मध्यस्थता कराने के पैसा लेने के कांस्टेबल के बयान और एसएसपी की ओर से कराई गई गोपनीय जांच में एसएसआई की भूमिका संदेह के घेरे में पाई गई है। जांच के आधार पर एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने गंगनहर कोतवाली के एसएसआई चंद्रमोहन सिंह को सस्पेंड कर दिया है। इस प्रकरण में एक कांस्टेबल प्रकाश चंद्र को पूर्व में ही सस्पेंड किया जा चुका है।
बतादे कि गंगनहर कोतवाली में एक नाबालिग से रेप का प्रकरण सामने आया था। इस प्रकरण को पहले तो क्षेत्र के ग्रामीणों ने दबाने का प्रयास किया। आरोपी पक्ष के साथ पीड़िता के परिजनों पर समझौते का दबाव बनाया गया। जब मामला नहीं सुलटा तो पीड़ित गंगनहर कोतवाली पहुंच गये। जहां पीड़ितों की मुलाकात एक कांस्टेबल प्रकाश चंद्र से हो गई। कांस्टेबल ने पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाया और समझौता कराने की कोशिश की गई। आरोपी आमिर ने कांस्टेबल प्रकाश चंद्र को 25 हजार की रकम दे दी। जिसकी एवज में कांस्टेबल मुआवजे की राशि को पीड़ित परिजनों से कम कराने का प्रयास करता रहा। लेकिन मामला सुर्खियों में तब आया जब पीड़ित परिजनों ने एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने मिलकर न्याय दिलाने की मांग की आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई। एसएसपी ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। कांस्टेबल प्रकाश चंद्र के आरोपी आमिर से 25 हजार की रकम लेने की बात पुष्ट हो गई। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने कांस्टेबल प्रकाश चंद्र को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया और पीड़िता का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये। इसी बीच कांस्टेबल प्रकाश चंद्र ने एसएसपी को बयान दिये कि 25 हजार से 20 हजार तो एसएसआई को दी है। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने कांस्टेबल के बयान के आधार पर एसएसआई चंद्रमोहन के पैसा लेने की गोपनीय जांच कराई। इस जांच में एसएसआई के पैंसा लेने की पुष्टि हो गई। जिसके बाद एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने गंगनहर कोतवाली के एसएसआई चंद्रमोहन को सस्पेंड कर दिया है। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि जनपद में कई अन्य पुलिसकर्मियों की भी जांच कराई जा रही है।



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