खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत की जा रही कार्यवाही के विरोध में उतरे व्यापारी




विजय मान.
मेरठ। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत ने खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मेरठ जिलाधिकारी के माध्यम के 12 सूत्रीय ज्ञापन भेजा। व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अन्तर्गत की जा रही कार्यवाही से नाराज व्यापारियों ने आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्य कार्यकारी अधिकारी को यह ज्ञापन भेजा।

ज्ञापन में मांग की गई कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में रजिस्ट्रेशन के लिए 12 लाख तक के टर्न ओवर की सीमा तय की गई है, परन्तु 12 लाख रूपये की सीमा मंहगाई के हिसाब से बहुत कम है। अतः आपसे अनुरोध है कि 12 लाख टर्न ओवर के स्थान पर 40 लाख वार्षिक टर्न ओवर तक का काम करने वाले व्यापारियों की रजिस्ट्रेशन की सीमा में रखा जायें।

ज्ञापन में फूड लाइसेंस के रिनुअल के समय लेट फीस, लाइसेंस समाप्त होने की तिथि से एक माह पूर्व से लगाई जा रही है। लाइसेंस की अन्तिम तिथि 31 मार्च होने के बाद 1 मार्च से लेट फीस लगायी जा रही है, जो बिलकुल गलत है। लेट फीस की तारीख लाइसेंस समाप्त होने की तिथि के बाद से किये जाने के आदेश पारित करने की मांग की गई। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में फूड एक्ट का लाइसेंस न पाए जाने पर सजा का प्राविधान खत्म किया जाये। जुर्माना अधिकतम रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस फीस का दोगुना किया जाये।

व्यापारियों ने ज्ञापन में मांग भी की गई है कि प्रशासनिक अधिकारी अपर जिला मजिस्ट्रेट आदि को न्याय निर्णयक अधिकारी राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किये गये हैं। प्रशासनिक अधिकारी प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, जिससे न्याय निर्णय में समय लगता है। समय लगने से व्यापारी उत्पीड़न को बढ़ावा मिलता है तथा तकनीकी जानकार न होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी मात्र अधिकतम जुर्माना वसूल करना चाहते हैं वह वाद को गुण दोषों के आधार पर तय करने की इच्छा नहीं रखते। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (फूड एक्ट) के लिये पूर्णकालिक न्याय निर्णायक अधिकारी की नियुक्ति की जानी आवश्यक है, जिससे व्यापारी को शीघ्र न्याय मिल सके।

रजिस्ट्रेशन सार्टीफिकेट वाले छोटे व्यापारियों के लिए मानकों के आधार पर सैम्पिल फेल होने व जॉच के समय अन्य छोटी कमियों के पाये जाने पर अधिनियम की धारा-69 के अनुसार शमन के आधार कार्यवाही किये जाने के लिए आवश्यक नियमावली जारी करने के आदेश पारित करने की कृपा करें, जिससे छोटे व्यापारी अनावश्यक कानूनी प्रक्रिया से बच सके।

पीसीआर एक्ट में खामी की चर्चा करते हुउ मांग की गई कि खाद्य पदार्थों की पैकिंग पर आवश्यक सूचना के लिए माप तोल विभाग की पी.सी.आर. एक्ट बना हुआ है, जिसके माध्यम से सभी पैकिंगों पर छपी सूचना की जॉच की जाती है, वर्तमान में फूड एक्ट की लैब में भी पैकिंग एवं लेबलिंग एक्ट में खाद्य पदार्थों का सैम्पल पास होने के बाद भी सैम्पल का मिस ब्रांडेड या अद्योमानक घोषित किया जा रहा है। एक ही विषय पर दो विभागों से जॉच, सजा व जुर्माना उचित नहीं है, इसलिए फूड एक्ट में पैकिंग एण्ड लेबलिंग के चालान समाप्त करने की व्यवस्था की जाए।

खाद्य पदार्थों की पैकिंग की आईटम में रिटेल के व्यापारी का खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में दिये गये पैकिंग एण्ड लेवलिंग एक्ट के कानूनों को पूरा करने में कोई योगदान नहीं है। पैकिंग कम्पनियों द्वारा तैयार कर भेजी जाती है, जिसमें रिटेल का व्यापारी कोई संशोधन नहीं कर सकता है। न्याय निर्धारण अधिकारी द्वारा कम्पनियों के साथ-साथ रिटेल व थोक के व्यापारियों को भी दण्डित किया जा रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि पैकिंग में कमी पाई जाने पर सिर्फ पैकिंग करने वाले को ही दोषी माना जाए, हॉलसेलर व रिटेलर को दण्डित न किया जाये।

ऑनलाइन फूड चेन सप्लाई के डिलीवरी मैन के लिए लाइसैंस की अनिवार्यता की मांग करते हुए मांग की गई कि वर्तमान समय में भारी मात्रा में खाद्य पदार्थों का व्यापार ऑनलाइन फूड चेन सप्लाई व मल्टी नेशनल कम्पनियों के द्वारा किया जा रहा है, परन्तु ऑनलाइन फूड सप्लाई के डिलीवरी करने वाले व्यक्तियों के पास फूड लाइसेंस नहीं है। अतः आपसे अनुरोध है कि सभी ऑनलाइन व फूड चेन सप्लाई डिलीवरी करने वाले व्यकिं्त के खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के नियमों के अनुसार रजिस्टै्रशन व लाइसेंस बनवाये जाने के आदेश पारित करने की कृपा करें।

ऑनलाइन फूड सप्लाई के सामान की सैंपलिंग केी माग करते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा मल्टी नेशनल कम्पनी व फूड सप्लाई चेन के डिलीवरी होने वाले सामानों की सैम्पलिंग नहीं की जा रही है। अतः आपसे अनुरोध है कि ऑनलाइन फूड सप्लाई चेन की सैम्पलिंग भी नियमानुसार की जाये, जिससे आम जनता को सही सामान मिलना सुनिश्चित हो सके।

ज्ञापन में कि 5 करोड़ तक टर्न ओवर वाले निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न की व्यवस्था समाप्त करने की मांग करते हूए कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न मॉगी जा रही है। निर्धारित समय पर जमा न करने पर रू0 100 प्रतिदिन लेट फीस लगाई जा रही है। कुटीर घरेलू व मझौले उद्योग इसकी पूर्ति न कर पाने के कारण नष्ट हो जाएंगे। अतः आपसे अनुरोध है कि 5 करोड़ तक टर्न ओवर वाले निर्माताओं से ऑनलाइन सालाना व छमाही रिटर्न की व्यवस्था समाप्त करने की कृपा करें।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में चलाई जा रही ट्रेनिंग व्यवस्था में वसूले जा रहे शुल्क को समाप्त कर केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा निशुल्क ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाऐं। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के सभी मामलों को अदालतों में भेजा जा रहा है। एक्ट में दी गई धारा-69 के अनुसार अधिकांश मामलों को शमन शुल्क जमा कराकर समाप्त किया जा सकता है। अधिकांश सभी विभागों में भी अनावश्यक मुकदमें आदि से बचने के लिए शमन शुल्क जमा कर मुकदमा समाप्त करने की व्यवस्था की गई है। शमन शुल्क व्यवस्था लागू करने से सरकार पर भी अनावश्यक मुकदमों के बोझ का भार कम होगा। अतः अभिहीत अधिकारी कार्यालय में शमन शुल्क जमा कराने की व्यवस्था लागू की जाए।



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