हरिद्वार एसडीएम ने पीड़ित किसान को दिलाया इंसाफ, मिली क्लीन चिट




नवीन चौहान
हरिद्वार एसडीएम गोपाल​ सिंह चौहान के निर्देशों के बाद पीड़ित किसान को इंसाफ मिल गया है। पीड़ित किसान को पुलिस थाने के चक्कर काटने से निजात मिल गई। इसी के साथ ही उसके दामन पर लगा दाग साफ हो गया। पूरा प्रकरण धान की खरीद फरोख्त से जुड़ा है।
11 नवंबर—2020 को डिप्टी कलेक्टर शैलेंद्र सिंह नेगी ने राजकीय खाद्यान्न गोदाम स्थित धान क्रय केंद्र का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में सामने आया कि धान की बिक्री के लिए कश्मीर सिंह पुत्र लब्बू सिंह निवासी दूधलादयाल वाला श्यामपुर 221 कट्टे धान अन्य किसानों को लेकर आया था। उसने धान को मलकित सिंह और मायाराम निवासी दूधलादयाल वाला श्यामपुर का बताया था। मामले में स्पष्ट स्थिति न होने पर डिप्टी कलेक्टर शैलेंद्र सिंह नेगी ने वरिष्ठ विपणन अधिकारी को कश्मीर सिंह पर कानूनी कार्रवाई के लिए आदेश दिए थे। जिस पर वरिष्ठ विपणन अधिकारी ने कश्मीर सिंह के खिलाफ ज्वालापुर कोतवाली में तहरीर दी। जिसके बाद छापेमारी की खबर सुर्खिया बन गई। पीड़ित किसान परेशान हो गया और उसने न्याय के लिए एसडीएम गोपाल सिंह चौहान से निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने मुख्य ​विपणन अधिकारी व ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी को इस प्रकरण में संयुक्त जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को निर्देशित किया।
संयुक्त जांच में यह आए तथ्य
मामले में ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी प्रवीण कोश्यारी ने जांच की तो सामने आया कि किसान मायाराम और मलकीत सिंह ने अपने खेतों में धान की फसल तैयार की थी। संयुक्त जांच में सामने आया कि मायाराम एव मलकीत ने फसली वर्ष 1422—1427 में खाता संख्या 00216, 00200 जमीन में धान की फसल बोई थी। जिसका सत्यापन तहसीलदार आशीष घिल्डियाल और लेखपाल ने किया। सामने आया कि एक किसान के पास 60 क्विंटल और दूसरे के पास 30 क्विंटल धान की फसल पैदा हुई थी। दोनों किसानों को बुलवाकर पूछा गया तो उन्होंने पूरी जानकारी दी। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी प्रवीण कोश्यारी ने बताया कि तथ्य सामने आने पर कश्मीर सिंह को क्लीन चिट दे दी गई।



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